J&K ST Reservation: पहाड़ी समुदाय को 10% अनुसूचित जनजाति संवर्ग में मिलेगा आरक्षण, बोले एलजी मनोज सिन्‍हा  

J&K ST Reservation: राजभवन में पत्रकारों से बात करने के दौरान जम्‍मू कश्‍मीर के उपराज्‍यपाल मनोज सिन्‍हा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी समुदाय को दस फीसदी अनुसूचित जनजाति संवर्ग में आरक्षण मिलेगा. पहली बार पहाड़ी समुदाय को एसटी संवर्ग में रखने का बिल पास किया गया है.

एलजी मनोज सिन्हा ने बताया कि पहाड़ी समुदाय की 12 लाख की आबादी को नौकरी, शिक्षा के साथ ही अब राजनीतिक आरक्षण भी मिलने लगेगा. इन इलाकों का भी विकास ट्राइबल प्लान के तहत होगा, लेकिन इससे पहले से अनुसूचित जनजाति में शामिल गुज्जर-बकरवाल समुदाय के आरक्षण पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्हें पहले की तरह 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा. उनके हक का 1% हिस्सा भी नहीं कटेगा.  

J&K ST Reservation: गुज्जर-बकरवालों के आरक्षण में नहीं होगी कटौती

एलजी मनोज सिन्‍हा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजोरी और बारामुला की रैली में पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का भरोसा दिलाया था. इसके साथ ही गुज्जर-बकरवालों को आश्वस्त किया था कि उनके आरक्षण में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी. संसद से पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने का बिल पास होने के बाद भी यही स्थिति है. कहा कि पहाड़ी समुदाय के लिए अलग से दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. नौकरी और शिक्षा में जो भी पद गुज्जर-बकरवालों के लिए आरक्षित होंगे, उन पर किसी अन्य समुदाय या जाति के लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी.  

इसी तरह पहाड़ियों के लिए आरक्षित पदों पर भी ऐसा ही प्रावधान होगा. इसलिए गुज्जर-बकरवालों के हितों में किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा. दोनों के बीच किसी प्रकार की प्रतिद्वंद्विता की स्थिति नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा. अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के हिसाब से आरक्षण का नियम बनाया जाएगा.  

J&K ST Reservation: गुज्जरों को पहली बार मिला वन अधिकार, विद्यार्थियों को लैपटॉप व टैबलेट

गुज्जर-बकरवालों के लिए पिछले चार वर्ष में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए उप राज्यपाल ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद ही वास्तविक रूप से गुज्जरों-बकरवालों को आरक्षण तथा अन्य लाभ मिलना शुरू हुआ है. पहली बार वन अधिकार अधिनियम प्रदेश में लागू किया गया और जनजातीय समुदाय के लोगों को वनाधिकार सौंपे गए. वर्ष 2019 से पहले सीजनल अध्यापकों को 4000 रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 10,000 किया गया. इसके साथ ही काम के दिन भी बढ़ाए गए. जनजातीय समुदाय के लिए ट्रांजिट आवास की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई. मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने और ले आने के लिए सरकारी ट्रक मुहैया कराई गई.  

उनके लिए मोबाइल अस्पताल की सुविधा सुनिश्चित की गई. पहाड़ों पर भी रहने वाले गुज्जर-बकरवालों के लिए यह सुविधा उपलब्‍ध कराया जा रहा है. जिस गांव में जनजातीय समुदाय की आबादी 500 रही है या आधी आबादी जनजातीय समुदाय की रही है, उन्हें विकास के लिए प्रधानमंत्री आदर्श गांव के तहत एक करोड़ रुपये दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से इनके लिए 26 हॉस्टल बनाए गए थे, लेकिन पिछले चार वर्ष में आठ हॉस्टल बनकर तैयार हो गए हैं. इसके साथ ही 25 का शिलान्यास कर दिया गया है.

इस प्रकार 33 हॉस्टल और मिल जाएंगे. 200 स्मार्ट क्लास तैयार हो गए हैं. छात्रवृत्ति दोगुना कर दिया गया है. छह एकलव्य स्कूल शुरू कर दिए गए हैं. 500 हैंडपंप लगाए गए हैं. दो हजार जनजातीय युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया है. 

डिजिटल लिटरेसी के जरिए पहली बार जनजातीय छात्रों को लैपटॉप तथा टैबलेट मुहैया कराए गए हैं. 92 गांवों में हर घर तक बिजली पहुंचाई गई है. मोबाइल वेटनरी क्लीनिक खोले गए हैं. युवाओं को नीट, जेईई, पीएससी की कोचिंग सुविधा मुहैया कराई जा रही है. अब तो न्यायपालिका के लिए उन्हें कोचिंग दी जा रही है. एलजी ने दावा किया कि चार वर्ष में गुज्जर-बकरवालों के लिए जितना काम हुआ है उतना 76 साल में नहीं हो पाया है.

J&K ST Reservation: कुछ लोग सेंक रहे राजनीतिक रोटियां

एलजी ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. वह लोगों को भड़का रहे हैं. दरअसल उन्होंने कभी जनजातीय समुदाय का भला नहीं किया. अब राजनीतिक रूप से सशक्त बनाए जाने के बाद वे निहित स्वार्थवश  बरगलाकर अपना हित साधना चाहते हैं. ऐसे लोगों ने न तो कभी गुज्जरों और न ही कभी पहाड़ियों का भला किया है. ऐसे लोगों से सावधान रहने और उन्हें बेनकाब करने की आवश्‍यकता है. उनके किसी भी बहकावे में आने की आवश्यकता नहीं है. किसी का भी हक नहीं कटेगा.

उन्‍होंने कहा कि गुज्जर समुदाय को भी वास्तविक रूप में 2019 के बाद ही आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हुआ है. दरअसल जीडी शर्मा आयोग ने पहाड़ी सहित अन्य लोगों के आरक्षण की सिफारिश की थी. इसी के आधार पर यह बिल लाया गया था. अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें आरक्षित हैं. छह सीटों पर किसी प्रकार का विवाद नहीं है. या तो गुज्जरों की आबादी अधिक है या फिर पहाड़ियों की. दो-तीन सीटों पर ही दोनों की आबादी लगभग बराबर होगी, जहां विवाद हो सकता है.

J&K ST Reservation: घाटे से उभरकर फायदे में पहुंचा जेएंडके बैंक

उप राज्‍यपाल ने बताया कि 2019 से पहले जेएंडके बैंक घाटे में चल रहा था जो अब 1234 करोड़ रुपये के फायदे में पहुंच गया है. एनपीए 11.6 से घटकर चार हो गया है. जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग देश के सर्वश्रेष्ठ आयोगों में से एक है और इसने कीर्तिमान भी बनाया है. इंटरव्यू खत्म होने के तीन घंटे के भीतर परिणाम जारी कर दिया गया है. जल्द ही आयोग के अध्यक्ष तथा चार नए सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी.

80 से अधिक आयु के पेंशनधारकों का सत्यापन हो रहा

एलजी मनोज सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में 100 से अधिक आयु के 137 लोग पेंशन ले रहे हैं. प्रशासन की तरफ से 80 से अधिक आयु के पेंशनधारकों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तविक स्थिति क्या है. प्रदेश में 4.80 लाख कर्मचारियों के स्वीकृत पद हैं. इनमें से 2.80 लाख कर्मचारी कश्मीर और दो लाख जम्मू संभाग में हैं. 1.30 लाख दैनिक भोगी कर्मचारियों को नियुक्त कर लिया गया है. इन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिल सका है.

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