‘Smile please’: चांद पर प्रज्ञान ने खींची विक्रम लैंडर की तस्वीर, सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि

Vikram Lander Photo updates: 23 अगस्‍त को भारतीय मिशन चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से उतरकर चांद की जानकारियां जुटाने में लगा हुआ है। प्रज्ञान अब तक एक टेरा बाइट से अधिक डेटा भेज चुका है। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह के टेम्परेचर प्रोफाइल को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी हैं।

वहीं, इसरो ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘स्माइल प्लीज! प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। फोटो रोवर प्रज्ञान पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई। चंद्रयान-3 मिशन के लिए NavCams इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लेबोरेटरी(LEOS) द्वारा विकसित किए गए हैं।’ इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के एक अन्य उपकरण ने चंद्रमा पर कई तत्वों की मौजूदगी का पता लगाया है। कहा जा रहा है कि प्रज्ञान रोवर ने कुछ ऐसे संकेत प्राप्त किए हैं जो चांद पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं जबकि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक उपलब्ध नहीं था।

इससे पहले इसरो ने मंगलवार को जारी एक एक बयान में कहा कि ‘चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह की मौलिक संरचना पर पहली बार इन-सीटू मेजरमेंट किया है। ये इन-सीटू मेजरमेंट स्पष्ट रूप से क्षेत्र में सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं, यह कुछ ऐसा है जो ऑर्बिटर पर लगे उपकरणों द्वारा संभव नहीं था। प्रारंभिक विश्लेषण ने चंद्र सतह पर एल्युमीनियम (Al), सल्फर (S), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), और टाइटेनियम (Ti) की उपस्थिति का खुलासा किया है। वहीं, इन-सीटू मेजरमेंट से मैंगनीज, सिलिकॉन, और ऑक्सीजन की उपस्थिति का पता चला है। हाइड्रोजन की उपस्थिति के संबंध में गहन जांच चल रही है।’

आपको बता दें कि रोवर प्रज्ञान पर एलआईबीएस उपकरण, जिसे इसरो की इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लेबोरेटरी (LEOS) द्वारा विकसित किया गया है, चट्टानों या मिट्टी से प्लाज्मा उत्पन्न करने के लिए एक हाई-एनर्जी पल्सर का उपयोग करता है। इसरो ने कहा कि ‘प्लाज्मा अवस्था में, एलिमेंट्स ऐडिएशन की विशिष्ट वेवलेंथ उत्सर्जित करते हैं, जिनका उपयोग इन तत्वों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।’ रोवर पर मौजूद अन्य उपकरण, जिसे अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर कहा जाता है, का उद्देश्य भी चंद्र सतह की मौलिक संरचना का अध्ययन करना है।

 

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