Supreme Court का आदेश, रामदेव-बालकृष्णन अदालत में हो पेश, बीमारियों के इलाज पर भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ा है मामला

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु बाबा रामदेव को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने के लिए कहा है. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से उनपर बीमारियों के इलाज पर भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस भेजकर जवाब मांगा था, जिसका इन लोगों ने जवाब नहीं दिया.

Supreme Court: पहले लग चुकी है फटकार

हालांकि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को उसके उत्पादों के बारे में न्यायालय में दिए गए पूर्व के आश्वासनों के उल्लंघन और दवाओं के प्रभाव से जुड़े गलत दावों के मामले में कड़ी फटकार लगाई थी. इस दौरान न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया था, नोटिस में पूछा गया था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए. 

Supreme Court: कंपनी की ओर से दिया गया था आश्‍वासन

पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके अधिकारियों को मीडिया में अन्य दवा प्रणालियों के बारे में कुछ गलत कहने के लिए आगाह किया था. पतंजलि ने पहले अदालत के समक्ष अपने हलफनामे में ऐसा नहीं करने की बात कही थी. वहीं, पिछले साल 21 नवंबर को, कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि आगे से कानून का कोई उल्लंघन नहीं होगा.

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने किया था आगाह

पतंजलि के हलफनामे में कहा गया था कि पतंजलि उत्पादों के औषधीय प्रभाव का दावा करने वाला कोई भी अनौपचारिक बयान या किसी भी दवा प्रणाली के खिलाफ कोई बयान या विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा.  सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव द्वारा सह-स्थापित हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी को अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में कई बीमारियों के इलाज के रूप में ‘झूठे’ और ‘भ्रामक’ दावे करने के प्रति आगाह किया था.

Supreme Court: आधुनिक दवाओं को बदनाम करने का आरोप

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें रामदेव पर टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है.

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