चुनाव का वो दौर…जब कबूतर थे चुनावी ड्यूटी पर तैनात, जन-जन तक पहुंचाया पल-पल की अपडेट  

Pigeons Election Duty: लोकसभा चुनाव को दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव माना जाता है. इस दौरान देश में न जाने कितने बदलाव देखने को मिलते है. ऐसे में भारत में जल्‍द ही लोकसभा चुनाव होने वाला है. जिसे लेकर पूरे जोरो शोरो से तैयारियां की जा रही है. चुनाव के दौरान देश में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्‍यम से सुरक्षा व्‍यवस्‍था के भी खासा इंतजाम किए जा रहे है. वहीं एक वक्‍त ऐसा था जब चुनाव में प्रशासन ने कबूतरों का सहारा लिया था.

जी हां. आपको ये जानकर हैरानी तो जरूर हुई होगी, लेकिन साल 1967 के चुनाव के दौरान संदेशवाहक के तौर पर कबूतरों (Pigeons election duty) को तैनात किया गया था. बता दें कि उस वक्‍त कबूतर कुछ वैसे ही काम करते थे जैसे आज के जमाने में व्हाट्सएप या अन्य मैसेज भेजने वाले प्लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल किया जाता है. हालांकि इसके लिए कबूतरों को पुलिस विभाग ने प्रशिक्षित किया था. ये कबूतर मतदान केद्रों पर चुनाव संबंधी खबरों की अपडेट देते थे.

Pigeons Election Duty: चुनाव में प्रशासन का अनूठा तरीका

आज के समय में चुनाव के दौरान राजनीतिक दल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, मगर 1967 के उड़ीसा विधानसभा के लिए हुए चुनाव में प्रशासन ने बेहद ही अनूठा तरीका अपनाया था. चुनाव के दौरान प्रशासन ने कबूतरों से भी काम लिया था. दरअसल, उड़ीसा के कुछ मतदान केंद्र दूरदराज के जंगल में स्थित थे. इन दुर्गम स्थानों पर चुनाव कर्मचारियों को पहुंचने में काफी वक्‍त लगता था और कई सारी समस्‍याओं का सामना भी करना पड़ता था.

Pigeons Election Duty: चुनावी ड्यूटी पर तैनात 300 कबूतर

ऐसे में उड़ीसा पुलिस विभाग ने लगभग 300 कबूतरों को प्रशिक्षण देकर चुनाव में ड्यूटी पर लगाया था. उसके बाद इन प्रशिक्षित कबूतरों (Pigeons election duty) से मतदान केंद्रों तक संदेश पहुंचाने का काम किया. प्रशान की ओर से इन कबूतरों को कुछ इस प्रकार प्रशिक्षित किया गया था कि घने जंगलों में स्थित मतदान केंद्रों पर काफी कम समय में ही चुनाव संबंधी संदेश पहुंचा देते थे. हालांकि ये कबूतर जंगल से होकर गुजरते थे, ऐसे में ये भी डर था कि रास्ते में लोग इनका शिकार न कर लें.

इसके लिए प्रशासन ने वन विभाग को भी सूचि‍त किया था कि उसके कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि आदिवासी तीर कमान से इन्हें मारकर गिरा न दें. इसके साथ ही कर्मचारियों से कहा था कि लोग इन कबूतरों को न पकड़ें और इसका ध्यान रखा जाए.

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