आज से सावन के साथ कांवड़ यात्रा की शुरुआत, यूपी से लेकर दिल्ली हरिद्वार तक ‘बोल बम’ की गूंज

Up: सावन के पवित्र महीने की शुरुआत शुक्रवार यानी कि आज से हो चुकी है. इसी के साथ ही आज से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है, जो 9 अगस्त तक चलेगी. देश भर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है.

कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में खास इंतजाम किए गए है. साथ ही कांवड़ मार्ग में लगभग 29,500 CCTV, ड्रोन से निगरानी, चिकित्सा शिविर, सहायता केंद्र स्थापित किए गए है. कांवड़ यात्रा में किसी  भी प्रकार की बाधा ना हो इसके के लिए कई रूट का डायवर्ज कर दिया गया है और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.

गंगा घाटों पर उमड़ रही कांवड़ियों की भीड़

हरिद्वार में हर की पौड़ी से लेकर गंगा के अन्य घाटों तक कांवड़ियों की भीड़ उमड़ रही है. इस पवित्र यात्रा के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड में विशेष इंतजाम किए गए हैं. सावन के पहले दिन से ही हजारों शिव भक्त कंधे पर कांवड़ उठाए पवित्र गंगाजल लेकर निकल पड़े हैं. उनकी मंजिल शिव मंदिर है जहां जल चढ़ाकर यह साधना पूरी होगी. कांवड़ रूट पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पूरे रास्ते में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, और CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है. खाने-पीने की दुकानों की लगातार जांच हो रही है, और फूड एंड सेफ्टी विभाग सैंपल ले रहा है. कांवड़ मार्ग पर नॉन-वेज दुकानें बंद कर दी गई हैं ताकि यात्रा की पवित्रता बनी रहे.

कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी के सख्त निर्देश

कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार पहले ही सख्त दिशा-निर्देश दे चुकी है. कांवड़ यात्रा के रूट पर मांस की बिक्री पूरी तरह से बैन है. दुकानों पर नाम लिखना अनिवार्य है. यात्रा रूट्स पर शराब की दुकानें पर्दे से ढकी गईं हैं. रास्ते में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. यात्रियों की सुविधा के लिए क्यूआर कोड जारी किए गए हैं.

कांवड़ यात्रा को लेकर रखें ध्यान
  • गंगाजल से भरी कांवड़ को कभी जमीन पर न रखें. इसके लिए विशेष स्टैंड या सहारा अवश्य लें. परंपरा के अनुसार बांस की छड़ी पर दोनों ओर पात्र लटकाए जाते हैं.
  • यात्रा के दौरान मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित होता है. सात्विक भोजन करें, संयमित जीवनशैली अपनाएं और वाणी में शुद्धता बनाए रखें.
  • कांवड़िए अधिकतर भगवा या सफेद वस्त्र पहनते हैं. यह उनकी श्रद्धा का प्रतीक है. यदि समूह में यात्रा कर रहे हैं, तो एक जैसे वस्त्र पहनने से पहचान में सहूलियत होती है.
    • कांवड़ यात्रा शिवभक्ति, अनुशासन और आत्मसंयम की अद्वितीय साधना है. यदि आप पहली बार जा रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करके अपनी यात्रा को न केवल सफल बना सकते हैं, बल्कि शिव कृपा के विशेष पात्र भी बन सकते हैं.
    • गंगाजल भरते समय सावधानी बरतें कि उसमें कोई अशुद्धि न मिले. जल पात्र को अच्छी तरह बंद करें. अगर जल गलती से गिर जाए, तो उसे दोबारा भरें.
    • यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा तय मार्ग का अनुसरण करें. सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अनावश्यक ध्वनि, डीजे या शोरगुल से बचें.
    • लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें. गर्मी से बचने के लिए टोपी, गमछा और पानी साथ रखें. प्राथमिक चिकित्सा किट रखें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें.
    • कांवड़ यात्रा व्यक्तिगत भक्ति नहीं, बल्कि सामूहिक श्रद्धा का उत्सव है. एक-दूसरे की मदद करें, सहयात्रियों का सम्मान करें और सेवा का भाव बनाए रखें.
    मंदिरों के आसपास पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था

    सावन को लेकर मंदिरों में पूजन की विशेष व्यवस्था की गई है. काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं. वहीं, कांवड़ियों कांवड़ यात्रा के दौरान किसी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए योगी सरकार ने सभी जिलों में अफसरों को निर्देश दिए हैं. कांवड़ियों की मदद के लिए जगह-जगह व्यवस्था की गई है.

    हिंदुओं की दुकानों पर लगे पोस्टर

    उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में कांवड़ रूट पर पड़ने वाली हिंदुओं की दुकानों पर पोस्टर लगाए गए हैं. गंगनगर और आसपास के इलाकों में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता तैनात हैं. उनका आरोप है कि कांवड़ लेने वाली महिलाओं के साथ दूसरे धर्म के लोग छेड़छाड़ करते हैं. हिंदू रक्षा दल के गौरव सिसोदिया ने कहा, ‘हम कांवड़ियों की सुरक्षा और यात्रा की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं.’

    यूपी में कांवड़ यात्रा के प्रमुख रूट

    यूपी में गाजियाबाद, हापुड़, लाल कुआं, गाजीपुर, बुलंदशहर, अमरोहा, मेरठ, लखनऊ, मुरादाबाद रूट पर कांवड़िए निकलना शुरू हो गए हैं. वे चार तरह की कांवड़ लेकर चल रहे हैं. इनमें सामान्य कांवड़, डाक कांवड, खड़ी कांवड़ और दांडी कांवड़ शामिल हैं.

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