पीपल के पेड़ की क्‍या है धार्मिक और वैज्ञानिक मान्‍यता? जानिए कैसे करें इसकी पूजा  

Importance of Peepal Tree: सनातन धर्म के मुताबिक, हिन्‍दू धर्म में पीपल के पेड़ का काफी महत्व होता है. कहा जाता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है. ऐसे में चलिए जानते है पीपल पेड़ से जुड़े पूजा करने के नियम और महत्व के बारे में.

भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि सभी पेड़ों में से मैं अश्वत्थ में विराजमान हूं. अश्वत्थ संस्कृत शब्द जिसका अर्थ पीपल होता है.

काफी गुणकारी होता है पीपल का पेड़

सनातन धर्म के अनुसार, पीपल का पेड़ काफी गुणकारी होता है. इसकी जड़ों में ब्रह्मा जी का वास होता है. टहनियों में श्रीहरि और पत्तों में भगवान शिव का वास होता है. यही वजह है कि ये पेड़ पूजनीय होता है. और प्राचीन समय में ही पीपल के पेड़ को काटना पाप माना जाता था.

पीपल के पेड़ को लेकर वैज्ञानिक मान्‍यता

वही विज्ञान के मुताबिक, पीपल का पेड़ बाकी पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन प्रदान करता है. जो हमारे जीवन के साथ ही हमारे वातावरण के लिए भी काफी जरूरी है. इतना ही नही, इस  पेड़ का इस्तेमाल आयुर्वेद में दवाइयों को बनाने में काम आता है.

कैसे करें पीपल के पेड़ की पूजा

दरअसल, सनातन धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा को सभी प्रकार के समस्‍याओं से मुक्ति का मार्ग बताया गया है. ऐसे में आपको बता दें कि पीपल के पेड की पूजा करना काफी आसान है. इसके लिए आपको प्रतिदिन इसकी 7 परिक्रमा लगानी है. इसके साथ ही जल अर्पण करना है. परिक्रमा लगाते समय ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें. वहीं, यदि किसी कारणवश आप इसे प्रतिदिन न कर पाए तो गुरुवार, शनिवार और अमावस्या के दिन जरूर करें.

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