Mumbai: ओपरेटिव बैंक के 122 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित नौवें आरोपी पवन अमरसिंह जयसवाल को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर EOW की टीम मुंबई ला रही है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी. EOW के अनुसार, जयसवाल लखनऊ के गोमतीनगर एक्सटेंशन इलाके में छिपकर रह रहा था.
जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश
उसके साथी राजीव रंजन पांडेय की गिरफ्तारी के बाद से ही वह फरार था और जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था. मूल रूप से झारखंड के चक्रधरपुर का रहने वाला जयसवाल पहले बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता था, लेकिन बैंक घोटाले में उसका नाम सामने आने के बाद वह झारखंड छोड़कर लखनऊ में अपने रिश्तेदारों के पास जाकर छिप गया था.
करोड़ों रुपयों का हुआ बटवारा
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद मेहता ने सीधे अजय राठौड़ से संपर्क किया. राजीव पांडेय और अजय राठौड़ ने 22 करोड़ वापस लौटाने का वादा कर 15 करोड़ लिए और आपस में बांट लिए. राठौड़ 7.50 करोड़ लेकर राजस्थान फरार हो गया, जबकि पांडेय ने अपने हिस्से से 3.50 करोड़ रुपये पवन जयसवाल को दिए.
EOW अब घोटाले में फरार अजय राठौड़ की तलाश में जुटी है. इस हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराध में जुड़े सभी पात्रों और लेन-देन की परतें खुलने के साथ यह साफ हो रहा है कि कैसे संगठित तरीके से बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर करोड़ों की रकम हड़पी गई.अब पुलिस पवन जयसवाल से पूछताछ में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसने इस रकम का क्या किया और इसे कहां खर्च किया.
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