SI की वर्दी पहन 2 साल पुलिस अकादमी में ली ट्रेनिंग, अफसरों पर भी झाड़ती थी रौब, फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार हुई मोनिका

Rajasthan: कई बार भोली सूरत के पीछे शातिर चेहरा भी छिपा होता है. मासूम सी दिखने वाली मोना बुगालिया उर्फ मूली देवी उर्फ मोनिका न सिर्फ दो साल तक सब-इंस्पेक्टर बनकर सबको चकमा देती रही बल्कि पुलिस की वर्दी पहनकर राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग करती रही. राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले के मौलासर थाना क्षेत्र के निमा का बास गांव से ताल्लुक रखने वाली मूली देवी ने एक ऐसा फर्जीवाड़ा रच डाला, जिसकी कहानी किसी बॉलीवुड क्राइम थ्रिलर से कम नहीं था. लेकिन कहते हैं न कि झूठ ज्यादा देर नहीं छिपता. मूली देवी की पोल भी खुल गई. अब उसे सीकर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है.

अफसरों संग फोटो बनाईं पहचान की ढाल

पुलिस के अनुसार मोना ने एसआई भर्ती परीक्षा दी थी लेकिन पास नहीं हो सकी. इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर अपने चयन की झूठी खबर फैलाई और खुद को एसआई व कभी-कभी क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताकर व्हाट्सएप कॉल्स पर लोगों को धमकाना शुरू कर दिया. मोना ने एसआई की वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कीं और आरपीए में असली आईपीएस और आरपीएस अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर खुद को असली अफसर के तौर पर पेश किया. पुलिस को उसके पास से वर्दी, पुलिस बैच, आईडी कार्ड और बेल्ट भी बरामद हुए हैं.  

दो साल तक की बेझिझक फर्जीवाड़ा

मोना ज्यादातर वक्त RPA कैंपस में ही बिताती थी और खुद को पिछली बैच की एसआई बताकर नए प्रशिक्षु थानेदारों के साथ ट्रेनिंग में शामिल रहती थी. एक ही समय में कई बैच की ट्रेनिंग चल रही होने का फायदा उठाकर वह दो साल तक बेझिझक फर्जीवाड़ा करती रही. पुलिस अब मोना से यह जानने में जुटी है कि उसे RPA में प्रवेश कैसे मिला, उसने कितने लोगों को धमकाया या ठगा, और क्या इस फर्जीवाड़े में कोई और भी शामिल है.

सब-इंस्पेक्टरों को मोना पर हुआ शक

मोना ने ट्रेनिंग ले रहे असली सब-इंस्पेक्टर्स के व्हाट्सएप ग्रुप में एंट्री पा ली. जब उसने एक सहकर्मी को धमकाया, तब ग्रुप के सदस्यों को शक हुआ और मामला RPA अधिकारियों तक पहुंचा. मोना से पूछताछ हुई तो उसने कबूल कर लिया कि उसने फर्जी पहचान बनाई थी. उसने बताया कि वह अपने परिवार को, अपनी चार बहनों को इंप्रेस करना चाहती थी और पुलिस की पावर का फायदा उठाना चाहती थी. 

7 लाख नकद और जाली दस्तावेज बरामद

2023 में जयपुर के शास्त्री नगर थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. उसके बाद वह फरार हो गई. अब पुलिस ने हाल ही में सीकर से उसे गिरफ्तार किया है. उसके किराए के कमरे की तलाशी में पुलिस को 7 लाख रुपये नकद, पुलिस की तीन वर्दियां, RPA के एग्जाम पेपर और जाली दस्तावेज मिले हैं.

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