यहां लगाए गए है डेढ़ लाख सुरक्षाकर्मी…

जम्मू। दो साल बाद शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा की सकुशलता को लेकर भारतीय सेना ने प्रथम पड़ाव पहलगाम से लेकर गुफा तक के 45 किमी लम्बे यात्रा मार्ग को अब अपने कब्जे में लेना आरंभ किया है। इस रास्ते पर हजारों की संख्या में सैनिक इस मार्ग पर तैनात किए जा रहे है।

इनकी तैनाती के लिए हेलीकाप्टरों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। यात्रा मार्ग पर छोड़े गए आतंकियों तथा विस्फोटक सामग्री की तलाश में चलाए जा रहे अभियान में लड़ाकू हेलीकाप्टरों को भी उतारा गया है। जम्मू के भगवती नगर के आधार शिविर में तलाशी और सतर्कता बढ़ा दी गई है।

इस बार आतंकी इस शिविर को निशाना बना सकते हैं। 30 जून से यात्रा शुरु हो रही है जिसके बाद इन हजारों सैनिकों की परीक्षा शुरु हो जाएगी जिन्हें जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ गुफा तक तैनात किया जा रहा है।

इस बार करीब आठ लाख श्रद्धालुओं के अमरनाथ यात्रा में आने की उम्मींद लगाई जा रही है। इस बार की अमरनाथ यात्रा इन सुरक्षाकर्मियों के लिए किसी युद्ध के मोर्चे से कम नहीं है जिनके कांधों पर एक एक यात्री के सुरक्षा का भार है।

इन सुरक्षाकर्मियों की चिंता का कारण आतंकी गतिविधियां हैं जो यात्रा के आरंभ होने से पूर्व ही मंडरा रही हैं। सुत्रों की माने तो 25 हजार सुरक्षाकर्मी पहलगाम से लेकर गुफा तक और 18 हजार  सुरक्षाकर्मी बालटाल से लेकर गुफा तक के मार्ग पर तैनात हो चुके हैं।

इनमें सेना भी शामिल है। इस यात्रा में सुरक्षा के लिए तैनात किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या डेढ़ लाख के करीब बताई जा रही है। इस यात्रा की सुरक्षा में जुटे एक आला सेनाधिकारी का कहना है कि इस बार खतरा अधिक है। ड्रोन के साथ ही स्टिकी बम सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। फिर भी हम पूरी तरह से सतर्क है और कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *