Supreme Court : भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई के हालिया महाराष्ट्र दौरे में प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर तीखी बहस देखने को मिली। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील की ओर से दायर याचिका में मामले की जांच की मांग की गई थी, जानकारी के अनुसार, अदालत ने इसे ‘सस्ती लोकप्रियता’ हासिल करने की कोशिश बताते हुए याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई।
जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने जताई नाराजगी
जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा और सवाल भी उठाया कि “आप लोग सस्ती लोकप्रियता क्यों हासिल करना चाहते हैं? CJI ने इस मामले को लेकर गंभीर रूप से कहा है कि इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए। अधिकारियों से यह भूल हुई है अधिकारियों ने खेद जताया है और इसे CJI ने उसे स्वीकार भी किया।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि दोपहर 2:00 बजे इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माने के साथ याचिका खारिज की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) का पदभार संभालने के बाद बीआर गवई महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर अपने गृह राज्य गए थे। इस खुशी के अवसर पर उनके सम्मान में 18 मई को एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सीजेआई ने नाराजगी जताई और कहा, संविधान के प्रत्येक अंग को दूसरे को उचित सम्मान देना चाहिए।
प्रोटोकॉल विवाद के मामले पर CJI ने कहा
ऐेसे में CJI ने कहा, प्रोटोकॉल विवाद का मामला तूल पकड़ने पर CJI ने कहा कि इसे जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश न किया जाए। महाराष्ट्र से कोई व्यक्ति पहली बार भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में राज्य में आ रहा है। अगर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक या मुंबई के पुलिस आयुक्त को आना जरूरी नहीं लगता है, उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।
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