सीएम रेखा गुप्‍ता ने स्‍कूलों में बाउंसरों की नियुक्ति पर जताई चिंता कहा- ‘बच्चे दया के पात्र, दबाव के नहीं’

Delhi Schools : दिल्‍ली के स्कूलों में अभिभावकों और छात्रों को डराने के लिए बाउंसरों की नियुक्ति की रिपोर्टों के बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि बच्चे दबाव के नहीं, बल्कि सहानुभूति के हकदार हैं।

शिक्षा एक अधिकार है, व्यवसाय नहीं

सीएम रेखा गुप्‍ता ने कहा, “स्कूलों द्वारा अभिभावकों और छात्रों को डराने के लिए बाउंसरों को नियुक्त करने की चिंताजनक रिपोर्टें मिली हैं। वैसे तो शिक्षा एक अधिकार है, व्यवसाय नहीं। सीएम का कहना है कि हमारे बच्चे दया के पात्र हैं, दबाव के नहीं। बता दें कि माता-पिता बच्‍चों को स्कूलों में कुछ सीखने के लिलए भेजते हैं, इस दौरान हर स्‍थान पर मूल्यों और राष्ट्र निर्माण का स्थान बने रहना चाहिए।”

दिल्‍ली सरकार ने की थी घोषणा

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने पहले ही घोषणा दी है कि वह निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक,  2025 को लागू करने के लिए अध्यादेश लाएगी।

छात्रों को रोकने के लिए बाउंसर का उपयोग

सीएम रेखा गुप्‍ता ने एक्स पर पोस्‍ट करते हुए बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली पब्लिक स्कूल, फीस विवाद पर परिसर में छात्रों के प्रवेश को रोकने के लिए “बाउंसर” का उपयोग करने के लिए बुलाए जाने के एक दिन बाद आई है।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा

इस दौरान न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि शिक्षण संस्थान में इस तरह की प्रथा का कोई स्थान नहीं है और वित्तीय चूक के कारण किसी छात्र को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करना और डराना न केवल मानसिक संतुलन पर असर करेगा बल्कि इससे बच्चे के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचेगी।

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