आज ही के दिन आपनाया गया था राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, जानें 24 तीलियों के अर्थ

National Flag Day: राष्ट्रीय ध्वज दिवस नागरिकों में गर्व, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करता है, साथ ही नागरिक जिम्मेदारियों पर चिंतन को प्रोत्साहित करता है, भारतीय ध्वज संहिता में उल्लिखित राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को बनाए रखता है और इसके मूल्यों का पालन करता है.

भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे हम प्यार से तिरंगा कहते हैं, हमारे देश की आन, बान और शान का प्रतीक है. तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने अपनाया था और यही वजह है कि इस तारीख को राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है. इसका डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था.

तिरंगे के तीनों रंग हमें क्या बताते हैं?

  1. केसरिया: तिरंगे का सबसे ऊपरी हिस्सा केसरिया रंग का है. यह रंग शक्ति, साहस और बलिदान का प्रतीक है. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान दी, और यह रंग उनके त्याग और हिम्मत को सलाम करता है. केसरिया रंग हमें याद दिलाता है कि हमें भी देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखना चाहिए. साथ ही, यह रंग अध्यात्म और त्याग की भावना को भी दर्शाता है, जो भारत की संस्कृति का हिस्सा है.
  • सफेद: तिरंगे का मध्य भाग सफेद रंग का है, जो शांति, सत्य और पवित्रता का प्रतीक है. यह रंग हमें बताता है कि भारत एक ऐसा देश है जो शांति और अहिंसा में विश्वास रखता है. महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत इस रंग में झलकते हैं. सफेद रंग हमें आपसी भाईचारे और एकता का संदेश देता है, ताकि हम सब मिलकर एक बेहतर समाज बनाएं.
  • हरा: तिरंगे का निचला हिस्सा हरा है, जो उर्वरता, प्रगति और समृद्धि को दर्शाता है. भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यह रंग हमारी धरती की हरियाली, प्रकृति और विकास की आकांक्षा को दिखाता है. हरा रंग हमें पर्यावरण की रक्षा और देश को समृद्ध बनाने की प्रेरणा देता है.

अशोक चक्र और उसकी 24 तीलियों का क्या अर्थ है?

तिरंगे के बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है, जो सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है. यह चक्र धर्म, प्रगति और गतिशीलता का प्रतीक है. इसे धर्म चक्र भी कहते हैं, जो जीवन के निरंतर चलते रहने का संदेश देता है. अशोक चक्र में 24 तीलियां हैं, और हर तीली का अपना खास मतलब है. ये तीलियां 24 घंटों को दर्शाती हैं, जो यह बताती हैं कि देश को हर पल प्रगति की ओर बढ़ना चाहिए. इसके अलावा, इन 24 तीलियों को 24 गुणों या सिद्धांतों से भी जोड़ा जाता हैं, जो एक आदर्श जीवन और समाज के लिए जरूरी हैं.

ये गुण हैं:

1. पहली तीली :-         संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
2.
दूसरी तीली :-         आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)
3.
तीसरी तीली :-        शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)
4.
चौथी तीली :-         त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
5.
पांचवीं तीली :-       शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
6.
छठवीं तीली :-        सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)
7.
सातवीं तीली :-       क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
8.
आठवीं तीली :-       प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)
9.
नौवीं तीली :-         मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
10.
दसवीं तीली :-      बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)
11.
ग्यारहवीं तीली :-   संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)
12.
बारहवीं तीली :-     कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)
13.
तेरहवीं तीली :-     समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)
14.
चौदहवीं तीली :-    उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)
15.
पंद्रहवीं तीली :-     सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
16.
सौलहवीं तीली :-   नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
17.
सत्रहवीं तीली :-    समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
18.
अठारहवी तीली :-  अर्थ (धन का सदुपयोग करना)
19.
उन्नीसवीं तीली :-  नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
20.
बीसवीं तीली :-      न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
21.
इक्कीसवीं तीली :-  सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
22.
बाईसवीं तीली :-    कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
23.
तेईसवी तीली :-     अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
24.
चौबीसवीं तीली :-   बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)

ये तीलियां हमें याद दिलाती हैं कि हमें हर पल इन गुणों को अपनाकर अपने जीवन और समाज को बेहतर बनाना चाहिए. अशोक चक्र यह भी दिखाता है कि जीवन एक चक्र की तरह है, यह कभी रुकता नहीं, और हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.

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