नमक से लेकर चीनी तक…, ये 5 सफेद जहर आपको भी कर सकते हैं बीमार

Health: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खराब फूड हैबिट्स के कारण भोजन में पोषक तत्वों की कमी आने लगी है. हम अनचाहे ही फास्ट फूड, चाइनीज और प्रोसेस्ड फूड का बहुत ज्यादा सेवन कर रहे हैं. इन सभी फूड आइटम्स को बनाने के लिए ज्यादातर सफेद चीजों जैसे नमक, चीनी, मैदा, अजीनोमोटो, चावल और आलू का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है.

इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा

खास बात यह है कि प्रोसेस्ड फूड में इन सभी चीजों की मात्रा बहुत ही खतरनाक स्तर तक होती है. इनका सेवन न केवल कैंसर, टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है, बल्कि यह व्यक्ति की उम्र को कम से कम 10 साल तक घटा सकता है. हम आपको इस लेख में, उन सफेद खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी आपकी सेहत को नुकसान पहुचा सकते हैं.

नमक: नमक शरीर के लिए जरूरी है, क्योंकि यह सोडियम और क्लोराइड की आपूर्ति करता है. लेकिन बहुत ज़्यादा नमक खाने से शरीर में पानी की मात्रा प्रभावित होती है और ब्लड वेसेल्स डैमेज हो सकती हैं. यह ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, हड्डियों को कमजोर कर सकता है और पेट के अल्सर व कैंसर का कारण भी बन सकता है। 

मैदा: सफेद आटे से बने सभी खाद्य पदार्थ जैसे व्हाइट ब्रेड, केक, बिस्कुट और पेस्ट्री मैदे में आते हैं. गेहूं के आटे को रिफाइन करने की प्रक्रिया में उसके फाइबर, अच्छे फैट, विटामिन, मिनरल और फाइटोन्यूट्रिएंट्स निकल जाते हैं. यानी, गेहूं से मैदा बनने तक इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व लगभग खत्म हो जाते हैं। मैदे से भरपूर आहार ट्राइग्लिसराइड में वृद्धि और गुड कोलेस्ट्रॉल की कमी का कारण बन सकता है. यह गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ाता है.

सफेद आलू: आलू कई लोगों की पसंदीदा सब्जी है, वह भी अगर सही तरीके से न खाया जाए तो नुकसानदेह हो सकता है. सफेद आलू स्टार्च और कार्ब्स से भरपूर होते हैं. समस्या तब आती है जब इन्हें डीप फ्राई करके या मक्खन और क्रीम के साथ मैश करके खाया जाता है. ये दोनों ही स्थितियां खतरा पैदा कर सकती हैं.

चीनी: सफेद चीनी को एम्प्टी कैलोरी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होते. यह शरीर में जाकर तुरंत ग्लूकोज और फ्रुक्टोज में टूट जाती है, जो लोग कम शारीरिक मेहनत करते हैं. उनके शरीर में यह फैट के रूप में जमा होकर डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है. इसके अलावा, यह लिवर की समस्या, इंसुलिन रेजिस्टेंस, डेंटल प्रॉब्लम और कैंसर जैसी बीमारियों से भी जुड़ी है.

चावल: भारतीय घरों में सफेद चावल का खूब सेवन होता है. हालांकि, रिफाइनिंग प्रक्रिया में चावल से उसकी भूसी और रोगाणु हटा दिए जाते हैं, जिससे इसमें मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व कम हो जाते हैं. कई अध्ययनों में सफेद चावल का ज्यादा सेवन टाइप-2 डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ पाया गया है. अगर आप चावल के शौकीन हैं, तो सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या रेड राइस बेहतर विकल्प हैं.

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