इन आदतों को नहीं छोड़ा तो, बढ़ सकता है डिप्रेशन का खतरा

हेल्‍थ। पिछले कुछ वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही है। विशेषकर कोरोना महामारी के बाद से इससे संबंधित रोगियों के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक होते हैं, ऐसे में एक में होने वाली समस्या का असर दूसरे की सेहत को नकारात्मक तौर से प्रभावित करता है। यही कारण है कि सभी को नियमित रूप से अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखने की सलाह दी जाती रही है।  इसमें मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी शामिल है।

सामान्यत: मानसिक स्वास्थ की समस्याओं की शुरुआत चिंता-तनाव विकारों के साथ होती है, जिसपर अगर ध्यान न दिया जाए तो यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने के साथ हृदय रोग और अवसाद जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

विशेषज्ञ कहते हैं- चिंता-तनाव जैसी समस्याएं अब कम उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है, इसलिए सभी को इसको लेकर विशेष सावधानी बरतने रहने की आवश्यकता है, इसके लिए आहार और दिनचर्या में विशेष बदलाव की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि कौन सी आदतें इन समस्याओं को ट्रिगर कर सकती हैं-

अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन:-

यदि आप भी कॉफी के बहुत ज्यादा शौकीन हैं तो यहां थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। बहुत ज्यादा कॉफी पीना आपके तनाव को दूर नहीं बल्कि बढ़ा सकता है। तनाव महसूस करने की स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि कैफीन, कोर्टिसोल के रिलीज को ट्रिगर करता है। इसका मतलब है कि यदि आप कैफीन वाली चीजों का अधिक सेवन करते हैं तो इसकी मात्रा को कम कर दें।

धूम्रपान की आदत है हानिकारक:-

धूम्रपान सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक माना जाता है, यह चिंता-तनाव विकारों को भी बढ़ा देता है। धूम्रपान में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क में रसायनों के असंतुलन को बढ़ा देती है जिससे हृदय गति और रक्तचाप बढ़ने का खतरा हो सकता है। यह आपको चिड़चिड़ा और चिंतित महसूस करवा सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनमें तनाव, चिंता और अवसाद का स्तर कम होता है।

नींद की कमी के नुकसान:-

नींद की कमी मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है। अध्ययनों मे पाया गया है कि, जिन लोगों की रोजाना रात में कम से कम 7-9 घंटे की नींद पूरी नहीं होती है उनमें अन्य लोगों की तुलना में तनाव-चिंता विकार बढ़ने का खतरा अधिक हो सकता है। नींद की कमी रक्तचाप बढ़ाने के साथ आपकी शारीरिक सेहत को भी कई प्रकार से प्रभावित कर सकती है।

सोशल मीडिया पर कम समय बिताएं:-

सोशल मीडिया से हमेशा चिपके रहने वाले लोगों में भी मानसिक स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं का जोखिम अधिक पाया गया है। सोशल मीडिया पर लगातार समय बिताते रहने की आदत हमें तनावग्रस्त महसूस करवा सकती है। सोशल मीडिया पर बार-बार दिखने वाले कंटेंट के आधार पर हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सभी लोगों, विशेषकर बच्चों को इस तरह की आदतों से बचाना चाहिए।

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