भारत के पास है दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना, यह देश नंबर-1 पर, जानिए चीन-पाकिस्‍तान की रैंक   

Global Firepower 2024: सैन्‍य शक्ति के मामले में भारत दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर देश है. दरअसल, हाल ही ग्‍लोबल फायरपावर रैंकिंग जारी हुई है. ग्‍लोबल फायरपावर (Global Firepower 2024) की रैंकिंग में अमेरिका सैन्य तौर पर दुनिया का सबसे ताकतवर देश बन गया है. रूस और चीन क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. खास बात है कि इस रैंकिंग में पाकिस्‍तान 9वें नंबर पर है.

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में सबसे कम ताकतवर सेनाओं वाले देश में सबसे पहले नंबर पर भूटान है. भूटान के बाद दूसरे नंबर पर मालदोवा, तीसरे नंबर पर सूरीनाम है. इसके बाद सोमालिया, बेनिन, लाइबेरिया, बेलिज, सिएरा लियोन, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, आइसलैंड और कोसावा का स्‍थान है.  

Global Firepower 2024: टॉप 20 में ये देश शामिल 

ग्‍लोबल फायरपावर मिलिट्री स्‍ट्रेंथ रैंकिंग 2024 की लिस्‍ट में अमेरिका पहले स्‍थान पर है. रूस दूसरे नंबर पर है. दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर देश चीन है. वहीं सैन्‍य शक्ति में भारत देश चौथे नंबर पर है. टॉप 5 में आखिर में दक्षिण कोरिया का नाम शामिल है. ग्लोबल फायरपावर की रैंकिंग के मुताबिक,  भारत को 0.1023 स्कोर मिला है. वहीं अमेरिका को 0.0699,  रूस को 0.0702 और चीन को 0.0706  स्कोर मिला है. इस सूची में पाकिस्तान 9वें स्‍थान पर है. वहीं इटली को 10वा स्‍थान मिला है. दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जापान और तुर्किए भी टॉप 10 ताकतवर देशों में शामिल हैं. 

ग्लोबल फायरपावर ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि हमारा फार्मूला छोटे, तकनीकी तौर पर आधुनिक देशों को बड़े और कम विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है. इस बहुआयामी दृष्टिकोण का उद्देश्य मारक क्षमता से परे सैन्य क्षमताओं की अधिक संपूर्ण तस्वीर पेश करना है. इस रैंकिंग में फ्रांस को 11वें नंबर पर रखा गया है. वहीं फ्रांस के बाद ब्राजील, इंडोनेशिया, ईरान, मिस्त्र, ऑस्ट्रेलिया, इस्राइल, यूक्रेन, जर्मनी और स्पेन को टॉप 20 ताकतवर देशों में रखा गया है.   

Global Firepower 2024: लिस्ट में कुल 145 देशों शामिल

ग्लोबल फायरपावर की 2024 की इस लिस्ट में कुल 145 देशों को शामिल किया गया. कई पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल फायरपावर ने यह लिस्ट तैयार की है. इनमें सैनिकों की संख्या, सैन्य उपकरण, वित्तीय स्थायित्व, सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग और भौगोलिक परिस्थितियों का विशेष ध्यान रखा गया है. 

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