जी-20 के रोम घोषणा पत्र में भारत के सतत विकास के मंत्र को मिली जगह…

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रोम में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा कीं। उन्होंने विकसित देशों को पर्यावरण की रक्षा और हरित परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई मंत्र भी दिए। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित देशों को विकासशील देशों में हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम एक प्रतिशत प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत जलवायु वित्त की उपेक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकता है और इस पर ठोस प्रगति के बिना विकासशील देशों पर जलवायु कार्रवाई के लिए दबाव डालना न्याय नहीं था। जलवायु न्याय को भूलकर हम मानवता के साथ विश्वासघात कर रहे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण’ पर जी20 शिखर सम्मेलन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि जलवायु न्याय को भूलकर हम न केवल विकासशील देशों के साथ अन्याय कर रहे हैं, बल्कि हम पूरी मानवता के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विकासशील देशों की मुखर आवाज के रूप में, भारत विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त की उपेक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि विकसित देशों को विकासशील देशों में हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम 1 प्रतिशत प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।
सत्र में पीएम मोदी ने जी -20 भागीदारों के सामने तीन कार्रवाई योग्य बिंदु रखे। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों को एक स्वच्छ ऊर्जा परियोजना कोष बनाना चाहिए, जिसका उपयोग उन देशों में किया जा सकता है। जहां इसकी कमी है। जी-20 देशों में स्वच्छ-ऊर्जा अनुसंधान संस्थानों का एक नेटवर्क बनाना चाहिए। इसके अलावा जी-20 देशों को हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक मानक बनाने के लिए एक संगठन बनाना चाहिए, ताकि इसके उत्पादन और उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

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