दूषित पानी को साफ करने के लिए विशेष संयंत्र लगाएगी दिल्ली सरकार

नई दिल्ली। यमुना को साफ करना दिल्ली सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। दिल्ली में यमुना में नालों का पानी मिलने से रोकने और उसे साफ कर दुबारा यमुना में प्रवाहित करने की योजनाओं पर काम चल रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार अब उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आने वाले दूषित जल को साफ करने की योजना भी बना रही है। इसके लिए सरकार अपने खर्च पर 155 एमजीडी दूषित पानी साफ करने का संयंत्र लगाएगी। दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना में अंतर-राज्यीय प्रदूषण को रोकने का मास्टर-प्लान बनाया जा रहा है। यमुना में पड़ोसी राज्यों से होने वाले प्रदूषण को लेकर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इसके लिए अहम उपायों पर चर्चा की गई है जिसे आने वाले समय में लागू किया जाएगा। इसमें पड़ोसी राज्यों से यमुना में गिरने वाले दूषित जल को शोधित करने का प्रयास भी शामिल है। जैन ने कहा कि यमुना में हरियाणा से 105 एमजीडी और उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी आता है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले नालों को या तो एसटीपी में जोड़कर या फिर इन-सीटू तकनीक के जरिये ट्रीट किया जाएगा। इस तरह साफ किए गए पानी को झीलों और जल निकायों के कायाकल्प, भूजल पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा और बचा हुआ पानी यमुना नदी में छोड़ा जाएगा। हरियाणा के दो प्रमुख नालों से 105 एमजीडी दूषित पानी आता है। इसमें 90 एमजीडी दूषित पानी गुरुग्राम के रास्ते बादशाहपुर नाले के ड्रेन नंबर 6 से और उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी दिल्ली के गाजीपुर नाले से यमुना नदी में गिरता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *