Kanya Pujan 2024: नवरात्रि में क्‍या है कन्‍या पूजन का महत्‍व? जानिए इसके नियम और पूजा विधि‍

Kanya Pujan 2024 Vidhi: हिंदू धर्म में नवरात्रि‍ का विशेष महत्‍व होता है. नवरात्रि के पूरे नवों दिन हर तरफ धूम मची हुई होती है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्‍वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. वहीं, कुछ लोग माता को प्रसन्‍न करने के लिए पूरे नौ दिनों का उपवास भी रखते है. वैदिक शास्‍त्र के अनुसार नवरात्रि के दौरान जो लोग भी नौ दिनों का व्रत करते है, उन्‍हें अपने घर में कन्‍या पूजन (Kanya Pujan) जरूर करना चाहिए.

दरअसल, कन्‍याओं को मां दुर्गा का स्‍वरूप माना जाता है. इसके साथ ही मान्‍यता है कि नौ दिनों के उपवास के बाद कन्‍या पूजन (Kanya Pujan) से ही आपको पूरे दिनों के उपवास का फल मिलता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. बता दें कि कन्या पूजन को कंजक पूजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान नौ छोटी लड़कियों को देवी दुर्गा के नौ अवतारों के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें नवदुर्गा भी कहा जाता है. ऐसे में चलिए जानते है कन्या पूजन विधि और इससे जुड़ी कुछ बातों के बारें में…

Kanya Pujan 2024: कन्या पूजन विधि
  • कन्‍या पूजन (Kanya Pujan) के लिए सबसे पहले घर आए कन्याओं का स्वागत करें.
  • इसके बाद उनके पैर धोकर उन्‍हें आसन पर बिठाएं.
  • अब उन्‍हें कलावा, पवित्र धागा, माथे पर लाल कुमकुम लगाएं.
  • फिर उन्‍हें पूड़ी, काले चने, नारियल और हलवे को भोग के रूप में खिलाएं.
  • इसके बाद कन्याओं को कुछ उपहार जैसे- चुनरी, चूड़ियां और नए कपड़े दें.
  • फिर फल और अपने क्षमता अनुसार उन्हें कुछ दक्षिणा दें.
  • इसके साथ ही कन्याओं का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें.
  • और अंत में उन्हें थोड़ा अक्षत देकर उनसे अपने घर में छिड़कने को बोलें, साथ ही स्वयं भी लें.
Kanya Pujan 2024: कन्या पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में कन्या पूजन का बेहद ही खास महत्‍व होता है. न केवल नवरात्रि में ही बल्कि किसी भी शुभ कार्य के पूर्ण होने के बाद भी अक्सर कन्या पूजन किया जाता है. वहीं, बात करें नवरात्रि में कन्या पूजन की, तो कन्‍याओं को माता का स्‍वरूप कहा जाता है. कन्या पूजन कन्याओं का सम्मान और पूजा करने का एक उत्तम तरीका है.

वहीं, धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, कन्‍या पूजन के लिए दो से दस साल की कन्या उपयुक्त होती हैं. इसके अलावा लंगूर के रूप में एक लड़के को भी इस पूजा में शामिल किया जाता है, जिसे भैरव बाबा व हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है.

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