8th Pay Commission: केंद्र सरकार में काम करने वाले 1.2 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से केंद्र सरकार द्वारा गठित 8वें वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. पहले, यह उम्मीद की जा रही थी कि अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से अपना कार्यकाल शुरू करेगा, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता है क्योंकि अभी तक सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है.
14% से 54% तक की बढ़ोतरी की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में कम से कम 14% और अधिकतम 54% तक की असल वेतन वृद्धि (बेसिक पे + डीए समेत) हो सकती है. हालांकि रिपोर्ट यह भी कहती है कि 54% की अधिकतम बढ़ोतरी की संभावना बेहद कम है, क्योंकि इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा.
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (multiplier) होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों की नई सैलरी तय करने में किया जाता है, जब नया वेतन आयोग लागू होता है. यह मौजूदा बेसिक पे पर लगाया जाता है ताकि संशोधित वेतन (बेसिक + DA आदि) तय किया जा सके.
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹40,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.15 तय होता है, तो उसकी नई कुल सैलरी लगभग ₹1,09,000 हो जाएगी. यह एक तरह से सैलरी बढ़ाने का मानक फॉर्मूला होता है, जिसे वेतन आयोग सिफारिश के तौर पर पेश करता है.
मिड-रेंज पर हो सकती है 30-34% बढ़ोतरी
Ambit के एनालिसिस के अनुसार, 30-34% की ‘मिड-रेंज’ बढ़ोतरी अनुमान है, जिस पर सरकार और आयोग विचार कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे खराब स्थिति में 14.3% की वृद्धि और सबसे अच्छी स्थिति में 54% की वृद्धि हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए तीन संभावित फिटमेंट फैक्टर तय किए गए हैं- 1.83 (minimum), 2.15 (median), और 2.46 (maximum).
DA में 60% तक की बढ़ोतरी संभव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) लगभग 55% है और 2025 के अंत तक यह 60% तक पहुंच सकता है. ऐसे में 8वें वेतन आयोग के तहत कम से कम 14% की सैलरी ग्रोथ तय मानी जा रही है, जो पिछले चार वेतन आयोगों के रुझानों के हिसाब से है. सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अभी 8वें वेतन आयोग के गठन और उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस की घोषणा का इंतजार हैं.
इसे भी पढ़ें:-यूट्यूब का बड़ा फैसला, 15 जुलाई से बदल जाएंगे ये नियम, अब ऐसे कंटेंट पर नहीं मिलेगा पैसा