Weather Up : राजधानी में रविवार को दिन में भीषड़ गर्मी महसूस की गई, लेकिन दोपहर के बाद तेज हवाओं और बादलों की गरजाहट से मौसम में बदलाव हुआ। दोपहर बाद पुराने लखनऊ के साथ ठाकुरगंज और बाराबंकी तथा हरदोई सीमा से सटे इलाकों में बारिश की बूंदे भी पड़ीं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को ऐसा ही मौसम रहने वाला है।
मौसमी के बदलाव से दिन में भीषड़ गर्मी के तापमान में 0.6 डिग्री और रात में 1.1 डिग्री की गिरावट आई है। बादलों की आवाजाही और तेज हवाओं ने शाम का मौसम बेहद खुशनुमा बना दिया और गर्मी के काफी राहत भी है। अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
अतुल कुमार सिंह मौसम विज्ञान केंद्र अमौसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ ही उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी यूपी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। वहीं पूर्व और दक्षिणी पश्चिमी हवाओं के समागम का भी प्रभाव है। इन कारणों से लखनऊ सोमवार को भी मौसम के बदलाव के साथ कहीं कहीं फुहारें पड़ सकती हैं। मंगलवार से सिस्टम कमजोर पड़ने के आसार हैं।
पूर्वांचल में रविवार को मौसम का मिजाज बदल गया। तेज हवाएं चलने और बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से काफी राहत मिली। इसी दौरान वाराणसी और गाजीपुर में ओलावृष्टि हुई। जानकारी कं अनुसा चंदौली, जौनपुर और सोनभद्र में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। मौसम के बिगड़ने के वजह से जौनपुर में दीवार गिरने से एक महिला की जान चली गई। किसानों के अनुसार देखा जाए जो करीब 50% आम की फसल बर्बाद हो गई।
जानकारी के मुताबिक जौनपुर में दोपहर में लगभग 50 मिनट तक की बारिश हुई। मछलीशहर के भाटाडीह गांव में बिजली गिरने से शीला देवी (35) की मौत हो गई। वहीं गांव पुराफगुई ताजुद्दीनपुर के उमाशंकर (12) और ज्योति (17) भी झुलस गए। खानकाह कला गांव की प्रेमादेवी नाम की औरत जिसकी उम्र (42) थी, मौसम बिगड़ने के कारण दीवार गिरने से मौत हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंधी-बारिश, ओलावृष्टि के दृष्टिगत संबंधित जिलों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी क्षेत्र का भ्रमण करते हुए सर्वे करें तथा राहत कार्य पर कड़ी नजर रखें। आकाशीय बिजली, आंधी तूफान, बारिश आदि आपदा से जनहानि और पशुहानि होने की स्थिति में तत्काल प्रभावितों को राहत राशि का वितरण करें और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें। घायलों का समुचित उपचार कराया जाए और पूर्ण रूप से सुविधा प्रदान की जाए। अधिकारी सर्वे कराकर फसल नुकसान का आकलन करते हुए आख्या शासन को भेजें, ताकि इस बाबत आगे की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि जल जमाव की स्थिति होने पर प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए।
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