सत्ता की कुर्सी पर बैठकर भी पूर्व सीएम ने भरत जैसा किया है त्याग: विहिप

अयोध्‍या। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के नाम पर श्रीराम जन्मभूमि संपर्क पथ के नामकरण की घोषणा का विहिप व संत-धर्माचार्यों ने स्वागत किया है। विहिप ने इसके साथ ही मांग उठाई है कि राममंदिर आंदोलन के नायकों का सम्मान होना चाहिए उनकी स्मृति को सहेजा जाए। परमहंस, अवैद्यनाथ, सिंहल जैसे मंदिर आंदोलन के पुरोधा व शहीद कारसेवकों की स्मृति में भी स्मारक, भवन, सड़कों का नाम होना चाहिए। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या द्वारा कल्याण सिंह के नाम पर मार्ग की घोषणा की गई है, जो कि सराहनीय है। स्वर्गीय कल्याण सिंह जी के योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता। सत्ता की कुर्सी पर बैठकर भी उन्होंने भरत जैसा त्याग प्रस्तुत किया ऐसे त्यागी महापुरुष के नाम पर सड़क का नामकरण उनको श्रद्धांजलि ही है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री से रामभक्तों, साधु-संतों की ओर से व्यक्तिगत आग्रह है कि अयोध्या से जुड़े हुए उन महापुरुषों को भी हमें स्मरण कर सम्मान देना चाहिए। जिन्होंने लगातार धार्मिक सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन मूल्यों की रक्षा के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। श्रीराम जन्मभूमि के धर्म योद्धाओं परमहंस रामचंद्र दास, महंत अवैद्यनाथ, अशोक सिंघल, स्वर्गीय केके नैयर व ठाकुर गुरुदत्त सिंह सहित शहीद कारसेवकों को सम्मान देने की जरूरत है। हमें पूर्ण विश्वास है कि वर्तमान सरकार सामाजिक सांस्कृतिक जीवन मूल्यों से जुड़े हुए कार्यों के प्रति जहां प्रतिबद्ध है, वहीं अपने महापुरुषों के प्रति भी नतमस्तक है। वह अवश्य इस पर अवश्य ध्यान देगी।

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