Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी की बैठक में नागपुर और चंद्रपुर के बीच 204 किलोमीटर लंबे 4-लेन कंक्रीट हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है. यह हाईवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि विदर्भ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा. बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्र सिंह राजे भोसले और मुख्य सचिव राजेश अग्रवाल मौजूद रहे.
क्या है इस हाईवे प्रोजेक्ट की खास बातें?
नागपुर-चंद्रपुर हाईवे प्रोजेक्ट की कुछ खास बातें हैं. यह हाईवे 204 किलोमीटर लंबा, चार-लेन का और सीमेंट-कंक्रीट से बनाया जाएगा. हाईवे में चंद्रपुर शहर को जोड़ने के लिए 11 किलोमीटर लंबा अतिरिक्त कनेक्टिंग रोड भी शामिल है. भूमि अधिग्रहण समेत इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹2,353.39 करोड़ है.
इस परियोजना के तहत हाईवे के आसपास एक समग्र विकास (इकोसिस्टम) तैयार किया जाएगा, ताकि क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिले.
इस हाईवे के बनने से नागपुर और चंद्रपुर के बीच यात्रा तेज, आसान और सुरक्षित हो जाएगी. साथ ही, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आसपास के इलाकों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा.
जाम की समस्या का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि शहरीकरण की तेज गति के कारण शहरों में बढ़ती यातायात जाम की समस्या का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने निर्देश दिया कि पुणे जिले के हडपसर-यवत मार्ग पर यातायात कोंडी दूर करने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि नागरिक किसी प्रकार की असुविधा न झेलें. उन्होंने भैरोबा नाले के पास होने वाली यातायात समस्या को दूर करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने के निर्देश भी दिए.
संशोधित रूपरेखा के बाद नागपुर–चंद्रपुर द्रुतगति मार्ग में परिवर्तन
हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के सेलडोह इंटरचेंज से दुर्ग–हैदराबाद राजमार्ग के नवेगांव (मोर) तक 192 किलोमीटर लंबा द्रुतगति मार्ग बनाया जाएगा. इसके अलावा पूर्व निर्धारित 11 किलोमीटर लंबा चंद्रपुर जोड़ मार्ग भी यथावत रखा गया है. इस प्रकार कुल 204 किलोमीटर लंबाई की संशोधित सड़क रूपरेखा को मंजूरी दी गई है. संशोधित रूपरेखा के कारण 27 हेक्टेयर वन क्षेत्र के अधिग्रहण में बचत होगी.
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