MP News: देशभर में तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन हुआ. इस अवॉर्ड के लिए इस साल कुल 18 कैदियों को चुना गया है. इनमें से 13 सजा काट रहे और पांच विचाराधीन कैदी हैं. इस साल पेंटिंग कैटेगरी का विषय ‘जेल में संगीत’ रखा गया था. पेंटिंग कैटेगरी के विजेताओं में 11 पुरुष और 2 महिलाएं हैं.
इस साल जूरी सदस्यों में (सेवानिवृत्त) आईपीएस अरविंद कुमार (डीजी जेल, मध्य प्रदेश), डॉ. रश्मि सिंह (आईएएस), सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार और तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक प्रोफेसर वर्तिका नन्दा जैसे कई लोग शामिल थे. यह इन सम्मानों का 11वां साल है. इस दौरान सभी कैदियों को शानदार पेंटिंग के लिए सम्मानित किया गया.
इनको मिला इस साल पेंटिंग कैटेगरी में पहला पुरस्कार
पश्चिम बंगाल के तपस ने पहला पुरस्कार जीता है. 42 साल के तपस मानसिक रूप से परेशान सजायाफ्ता कैदी हैं और 2008 से बहरामपुर केंद्रीय सुधार गृह, बहरामपुर (पश्चिम बंगाल) में बंद हैं. उनकी दमदार कलाकृति में जीवंत चित्रों और शास्त्रीय इमेजरी के माध्यम से भारत की विविध संगीत विरासत का जश्न मनाया गया है.
इसके केंद्र में एक दिव्य आकृति संगीत की एकजुट करने वाली और परिवर्तनकारी भावना का प्रतीक है. यह कलाकृति दिखाती है कि कैसे कलात्मक अभिव्यक्ति कैद में होने के बावजूद भी आशा, सम्मान और जुड़ाव को प्रेरित कर सकती है.
दूसरे पुरस्कार को दो कैदियों में बांटा गया
वहीं बात दूसरे पुरस्कार की करें तो इस पुरस्कार को दो कैदियों में बांटा गया है, जिसमें पहला नाम रजनीकांत छितुभाई चौहान जो कि गुजतार के सूरत जेल में हैं. उन्होंने जेल में संगीत और रचनात्मकता की शक्ति को दर्शाने वाली पेंटिंग बनाई. वहीं दूसरा नाम छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जेल में बंद शेर सिंह का है, जिन्होंने जेल के भीतर कैदियों की पढ़ाई और संगीत की गतिविधियों को दिखाते हुए एक प्रेरक स्केच तैयार किया.
रोहन पाई ने भी पेंटिंग से जीता पुरस्कार
इसके साथ ही गोवा की जेल में बंद रोहन पाई धुंगट ने भी अपनी पेंटिंग से पुरस्कार जीता. उनके चित्र में जेल की कोठरी और पियानो जैसी फर्श की पटरियों के माध्यम से आजादी और कैद का अंतर दिखाया गया है. रोहन ने जेल में रहते हुए कई शैक्षणिक डिग्रियां हासिल की हैं.
नौ कैदियों को मिला सांत्वना पुरस्कार
बता दें कि इस साल नौ कैदियों को सांत्वना पुरस्कार मिला. इनमें गुजरात की जेल में बंद प्रजापति हार्दिक और डॉ. रोहित रमेशभाई लोनकर, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की जेल में बंद रेशमा और धर्मेंद्र, पश्चिम बंगाल की जेल में बंद शोवन सरकार , हरियाणा की जेल में बंद रोशनी, चंडीगढ़ की जेल में बंद डेविड, उत्तर प्रदेश की जेल में बंद कृष्ण कुमार और पश्चिम बंगाल की जेल में बंद अफताब आलम का नाम शामिल. इन सभी ने अपनी पेंटिंग में जेल में संगीत के सकारात्मक प्रभाव और आशा का संदेश दिखाया.
चार कैदियों को मिला विशेष उल्लेख पुरस्कार
वहीं इस अवसर पर चार कैदियों को ‘विशेष उल्लेख’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने जेल में असाधारण काम किया. इनमें अंडमान की जेल में बंद बिटन दास, गुजरात की जेल में बंद तुकाराम भाई वसावा, मध्य प्रदेश की जेल में बंद आराम और उत्तराखंड की जेल में बंद मोहन सिंह दानु का नाम शामिल है.
किसे मिला तिनका-तिनका बंदिनी पुरस्कार?
वहीं इस साल तिनका तिनका बंदिनी पुरस्कार 38 साल की पानबाई (जबलपुर, मध्य प्रदेश) को मिला. पानबाई महिला कैदियों और उनके बच्चों की देखभाल में सक्रिय रही हैं.
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