पहलगाम हमले का असर, कश्मीर जाने वाले पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट

kashmir: पहलगाम आतंकी हमले के वजह से लखनऊ से जम्मू जाने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। गत वर्ष जहां जनवरी से अप्रैल के बीच 2.80 लाख यात्रियों ने ट्रेनों व अन्य साधनों से जम्मू की यात्रा की, वहीं इस वर्ष अब तक 1.60 लाख पर्यटक ही जम्मू गए। जम्मू-कश्मीर जाकर पहाडों की सैर करने वाले अब उत्तराखंड व पूर्वोत्तर भारत की तरफ जा रहे हैं।

जम्मू कश्मीर की यात्रा करने से बच रहे लोग

पिछले तीन साल के आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि ट्रेन से जम्मू जाने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है। लखनऊ से जम्मू के लिए बेगमपुरा, कोलकाता जम्मूतवी, अर्चना, हिमगिरी, श्रीमाता वैष्णो देवी एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस आदि ट्रेनें हैं। आम दिनों में इन ट्रेनों से लखनऊ से 1800 से दो हजार यात्री सफर करते थे, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह संख्या घटकर तीन से चार सौ तक पहुंच गई है। फिलहाल यात्री जम्मू कश्मीर जाने से पूरी तरह बच रहे हैं।

जम्मू जाने वालों की संख्या 57 प्रतिशत तक कमी

लखनऊ से जम्मू जाने वाली ट्रेनों में वर्ष 2023 में जनवरी से अप्रैल, चार महीनों में 2,75,000 यात्रियों ने सफर किया। वहीं वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 2,80,000 पहुंच गई, जबकि इस वर्ष दस मई तक जम्मू जाने वाले यात्रियों की संख्या 1,60,000 ही रही। पिछले साल की तुलना में जम्मू जाने वालों की संख्या 57 प्रतिशत तक कम हो गई। उपरोक्त आंकड़े रेलवे आरक्षण केंद्रों व आईआरसीटीसी से प्राप्त औसत आधारित आंकड़े हैं।

ट्रेन टिकट बुकिंग में पर्यटकों की काफी कमी

गर्मी की छुट्टियों में जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों की भरमार रहती थी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या घट गई है। जिससे जम्मूतवी समर स्पेशल (04609), कोलकाता जम्मूतवी एक्सप्रेस (13151), अमरनाथ एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस आदि में सीटें आसानी से मिल रही हैं। इतना ही नहीं तत्काल कोटे में रविवार को जम्मू की ट्रेनों में 142 सीटें थीं, जिन पर आसानी से टिकट बुकिंग हुई।

विमानों में भी यात्रियों की संख्या में गिरावट

लखनऊ से श्रीनगर व जम्मू जाने वाले विमानों में भी यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार जम्मू के लिए वाया दिल्ली जाने वाले विमानों में पिछले साल 36 हजार से अधिक यात्रियों ने सफर किया। वहीं इस साल चार महीनों में इनकी संख्या मात्र 4200 के आसपास रही। वहीं, श्रीनगर के लिए सीधी उड़ान 30 मार्च को शुरू हुई थी, जिसमें प्रतिदिन 180 यात्री सफर कर रहे थे, लेकिन बाद में यात्री घटकर 35 हो गए तो यह सेवा बंद हो गई।

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