Himachal: प्रदेश सरकार नशे की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान को और सशक्त बनाने के लिए एंटी चिट्टा वालंटियर्स योजना (एसीवीएस) आरंभ करने जा रही है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस अवधि में सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र मजबूत होगा, समाज में जागरूकता बढ़ेगी और प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवाएं मिलेंगी. इस पहल का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्त हिमाचल का लक्ष्य हासिल करना है.
जल्द शुरू होगी योजना
इस योजना के तहत स्थानीय नागरिकों को प्रशिक्षित कर नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समस्या का मुकाबला करने में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा. सरकार का लक्ष्य है कि इस कदम से नशे की जड़ें कमजोर हों और समाज में सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बन सके. इस योजना के तहत 1000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे, जो समाज और पुलिस के बीच सेतु का काम करेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंडी जिले के सरकाघाट में की थी, जिसके बाद पुलिस विभाग ने सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजा है.
सोशल मीडिया और जागरुकता अभियानों में करेंगे सहयोग
यह स्कूलों, कॉलेजों व सामुदायों में जागरुकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे. इसके अलावा यह रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, सोशल मीडिया और जागरुकता अभियानों में सहयोग करेंगे तथा प्रभावित व्यक्तियों को परामर्श एवं पुनर्वास केंद्रों से जोड़ेंगे. योजना के तहत पंजीकृत स्वयंसेवियों को सेवाओं के लिए मानदेय भी प्रदान किया जाएगा. प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में पिछले अढ़ाई वर्षों में सरकार ने नशे के खिलाफ मुहिम को विशेष प्राथमिकता दी है. इस नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र सुदृढ़ करने, युवाओं और समाज में जागारुकता लाने, प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवा प्रदान करने और पुलिस-जनता के मध्य सहभागिता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस पहल का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्त हिमाचल के ध्येय को साकार करना है.
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