Kerala: केरल के इडुक्की जिले में आदिमाली के मन्नामकंदम में शनिवार रात हुए एक भीषण भूस्खलन ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है. इस दुखद घटना में एक आवासीय कॉलोनी के कम से कम आठ मकान ध्वस्त हो गए, जिससे 48 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई.
मृतक की पहचान लक्ष्मवीदु उन्नाथी निवासी बीजू के रूप में हुई है. उनकी पत्नी संध्या को पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उन्हें अलुवा के एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहाँ उनकी हालत अब स्थिर है.
पहाड़ी से मिट्टी ढहकर घरों पर गिरी
उन्होंने बताया कि बीजू और उनकी पत्नी संध्या खाना बनाने के लिए देर रात घर लौट आए थे. उन्होंने कहा, “जब वे अपने घर के अंदर थे, तभी रात करीब 10:30 बजे पहाड़ी से मिट्टी ढहकर घरों पर गिर गई. बीजू और संध्या अंदर फंस गए. भूस्खलन में करीब आठ मकान जमींदोज हो गए.” स्थानीय निवासियों ने पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं को सूचित किया, जिन्होंने बचाव अभियान शुरू किया.
कृष्णमूर्ति ने कहा, “दोनों मलबे में फंस गए थे. 5 घंटे चले अभियान के बाद उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन बीजू की मौत हो गई. संध्या को पहले आदिमाली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसे बाद में अलुवा के एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया.” उन्होंने बताया कि संध्या की हालत अब स्थिर है. निवासियों ने आरोप लगाया कि इस त्रासदी के लिए अवैज्ञानिक तरीके से सड़क का चौड़ीकरण किया जाना जिम्मेदार है.
हादसे के लिए अवैज्ञानिक निर्माण जिम्मेदार
इस त्रासदी के बाद स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण के तहत अवैज्ञानिक तरीके से मिट्टी हटाने के कारण यह भूस्खलन हुआ. एक निवासी सुल्फी ने आरोप लगाया, राजमार्ग निर्माण कार्य करने के लिए कोई सुरक्षा कदम उठाए बिना मिट्टी हटाई जा रही है. वे भूस्खलन के खतरे पर विचार किए बिना पहाड़ी ढलानों को साफ कर रहे हैं.
सुरक्षा कदम उठाए बिना हटाई जा रही मिट्टी
एक निवासी सुल्फी ने कहा, “राजमार्ग निर्माण कार्य करने के लिए कोई सुरक्षा कदम उठाए बिना मिट्टी हटाई जा रही है. वे भूस्खलन के खतरे पर विचार किए बिना पहाड़ी ढलानों को साफ कर रहे हैं.” स्थानीय निवासी अनस का घर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गया. उसने कहा कि निवासियों ने पहाड़ी में बड़ी दरारें देखी थीं और पंचायत अधिकारियों को सूचित किया था. उसने कहा, “अधिकारियों ने शनिवार सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया था और भूस्खलन के खतरे के कारण हमें मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था. हमें आदिमाली सरकारी विद्यालय शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग का काम जारी रहा.”
इसे भी पढ़ें:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन, राजनाथ सिंह-सीएम योगी रहें मौजूद