आंध्र प्रदेश मे मिला ‘खजानों का भंडार’, इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाएगा इन तत्वो का उपयोग

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का भंडार मिला है, जिसका सबसे अधिक इस्तेमाल सेलफोन, टीवी और कंप्यूटर से लेकर ऑटोमोबाइल तक दैनिक उपयोग में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन पृथ्वी एलिमेंट्स की खोज हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने की है।  एनजीआरआई के वैज्ञानिक साइनाइट जैसी गैर-पारंपरिक चट्टानों के लिए सर्वेक्षण कर रहे थे। तभी उन्होंने लैंथेनाइड सीरिज में खनिजों की महत्वपूर्ण खोज की। पहचान किए गए तत्वों में एलानाइट, सीरीएटष थोराइट, कोलम्बाइट, टैंटलाइट, एपेटाइट, जिरकोन, मोनाजाइट, पायरोक्लोर यूक्सेनाइट और फ्लोराइट शामिल हैं। एनजीआरआई के वैज्ञानिक पीवी सुंदर राजू ने कहा कि अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन देखा गया।

वैज्ञानिको द्वारा कहा गया कि मोनाजाइट के दानों में अनाज के भीतर रेडियल दरारों के साथ कई रंग दिखाई देते हैं, जो ये संकेत देते है कि इसमें रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं। इसके सिवा पीवी सुंदर राजू ने भी कहा कि अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन देखा गया। उन्होंने कहा कि इन आरईई के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए डीप-ड्रिलिंग करके और अध्ययन करना पड़ेगा।

इन सभी तत्‍वो का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा,एयरोस्पेस,रक्षा और स्थायी चुंबकों के निर्माण में भी किया जाता है,जो इलेक्ट्रॉनिक्स पवन टर्बाइनों,जेट विमानों और कई अन्य उत्पादों में किया जाता है। मुख्य डेंचेरला साइट अंडाकार आकार की है,जिसका क्षेत्रफल 18 किलोमीटर वर्ग की है। एक वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुए बताया कि खनिजों की क्षमता को समझने के लिए तीन सौ से अधिक नमूनों पर और अध्ययन किया गया है।

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