भारतीय हॉकी के लिए यह वर्ष रहा गोल्डन…..

नई दिल्‍ली। वर्ष 2021 के खत्म होने में अब 48 घंटे का वक्त बाकी है। एक ऐसा वर्ष जिसने भारत को खेल जगत में कई यादगार और ऐतिहासिक पल का गवाह बनाया। वहीं कोरोना महामारी और तमाम तरह की अनिश्चितताओं के बीच एक वर्ष के लंबे इंतजार के बाद टोक्यो ओलंपिक का आयोजन किया गया। यह ओलंपिक कई मामलों में भारत के लिए यादगार रहा, लेकिन भारतीय हॉकी के लिए इसने बंद होते दरवाजे को फिर से खोल दिया। पुरूषों और महिलाओं की टीम ने यहां भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर की याद दिलाई। वहीं पुरूषों ने 41 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक पदक हासिल किया तो वहीं महिलाओं ने अपने जोरदार खेल से पहली बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया और चौथा स्थान हासिल किया। हालांकि भारतीय खिलाड़ियों के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था। ओलंपिक शुरू होने से पहले शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि दोनों टीमें इस तरह का प्रदर्शन करेंगी। सबसे पहले बात करते हैं पुरुष टीम की। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम ने शानदार शुरुआत की और पहले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-2 से जीत हासिल की। हालांकि अगले ही मुकाबले में उसे मुंह की खानी पड़ी जब ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 7-1 से करारी शिकस्त दी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद सभी की उम्मीदों को जोरदार झटका लगा और हर कोई निराश हो गया। लेकिन इसके बाद मनप्रीत एंड कंपनी ने दमदार वापसी की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। टीम ने ग्रुप स्टेज के लगातार तीन मुकाबले जीते। इस दौरान उसने स्पेन को 3-0, अर्जेंटीना को 3-1, जापान को 5-3 से हराया और क्वॉर्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की की। इसके बाद भारतीय टीम ने क्वॉर्टरफाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से हराया और 49 साल में पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी। इस दौरान भारतीय टीम के खेल और फॉर्म को देखते हुए सभी को लगने लगा कि टीम फाइनल में पहुंच जाएगी, लेकिन सेमीफाइनल में उसे बेल्जियम ने झटका दिया। वहीं दोनों टीमें चौथे क्वॉर्टर तक 2-2 की बराबरी पर थीं। लेकिन फिर बेल्जियम ने ताबड़तोड़ तीन गोल कर भारत के सपने को चकनाचूर कर दिया। हालांकि टीम को पदक जीतने का एक और मौका मिला जब प्लेऑफ में उसकी भिड़ंत जर्मनी से हुई। टीम इंडिया के लिए हालांकि यहां भी शुरुआत अच्छी नहीं रही और वह 1-3 से पिछड़ गई लेकिन इसके बाद मनप्रीत की टीम ने जोरदार वापसी करते हुए सात मिनट में चार गोल दागे और 5-4 से मैच जीतकर कांस्य पदक पर कब्ज़ा जमाया। बता दें कि भारतीय टीम ने साल का अंत होते-होते एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कांस्य पदक जीता। गत विजेता ने पाकिस्तान को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।

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