पैनिक अटैक और एंजाइटी अटैक में होता है विशेष अंतर

स्‍वास्‍थ्‍य। आजकल की बिगड़ी हुई जीवनशैली लोगों की मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग तनाव और एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं। कई बार लोग पैनिक अटैक और एंजाइटी अटैक की चपेट में भी आ जाते हैं। ये दोनों ही ऐसी कंडीशन होती हैं, जब लोग हार्ट रेट बढ़ने से घबरा जाते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि यह मामला हार्ट डिजीज से जुड़ा हो सकता है, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता। साइकाइट्रिस्ट की सहायता से पैनिक और एंजाइटी अटैक का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। हालांकि सबसे पहले इन दोनों में अंतर समझने की आवश्‍यकता है। लोग इन दोनों अटैक को एक ही समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दोनों में बड़ा अंतर है।

रिपोर्ट के अनुसार पैनिक और एंजाइटी अटैक की वजह क्लियर नहीं है। ये दोनों ही डिसऑर्डर जेनिटिक, मेडिकल और बाहरी फैक्टर्स की वजह से हो सकते हैं। आमतौर पर पैनिक और एंजाइटी अटैक की वजह ज्‍यादातर तनाव, अल्कोहल और ड्रग्स का सेवन, क्रॉनिक पेन, दवाइयों के साइड इफेक्ट, फोबिया, ट्रॉमा, कैफीन का अधिक सेवन माना जा सकता है। हालांकि अलग-अलग लोगों को यह दिक्कत विभिन्न वजहों से हो सकती है. इससे बचने के लिए लोगों को साइकाइट्रिस्ट से मिलना चाहिए।

पैनिक और एंजाइटी अटैक के कुछ लक्षण एक जैसे भी होते हैं। इनमें हार्ट रेट बढ़ जाना, सांस लेने में परेशानी होना और डर जैसी फीलिंग आना मुख्‍य हैं। ये सभी लक्षण बहुत कम मामलों में ही गंभीर होते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पैनिक और एंजाइटी अटैक को डिसऑर्डर माना जाता है, लेकिन यह क्लीनिकली डिफाइन नहीं होता है। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर या मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल मरीजों का इलाज करते हैं। तो आइए जानते हैं।

– पैनिक अटैक बिना किसी वजह के भी ट्रिगर हो सकता है। एंजाइटी अटैक अत्यधिक तनाव या खतरे की प्रतिक्रिया के तौर पर होता है।
– पैनिक अटैक अचानक से होता है, जबकि एंजाइटी अटैक धीरे-धीरे पैदा होता है और बाद में नजर आने लगता है। यह अचानक नहीं होता है।
– पैनिक अटैक में आप काफी परेशान होने लगते हैं और अलगाव की भावना पैदा हो जाती है। एंजाइटी अटैक के लक्षण कभी कम, कभी ज्यादा होते हैं।
– पैनिक अटैक 5-20 मिनट में ठीक हो जाता है जबिक एंजाइटी अटैक कई घंटों या कई दिनों तक भी चल सकता है।

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