PCOS की समस्या को दूर करने में सहायक है प्रोटीन युक्त डाइट

स्वास्थ्य। पीसीओएस महिलाओं में होने वाली एक समस्या है। इसके मामले पहले से काफी बढ़ गए हैं। पीसीओएस एक हॉर्मोन से संबंधित प्रॉब्लम है, जिससे गर्भ धारन करने में भी समस्या आती है। इस समस्या के होने पर महिलाओं के बॉडी में नॉर्मल से भी अधिक हार्मोंस का निर्माण होने लगता है। इस हॉर्मोनल इंबैलेंस के कारण पीरियड्स भी सही से नहीं होता है। अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। कई बार गर्भधारण करने में भी मुश्किलें आने लगती हैं। एक्सपर्ट की मानें तो पीसीओएस की समस्या कम उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। यदि इसका इलाज ना कराया जाए तो महिलाओं की रिप्रोडक्टिव ऑर्गन भी प्रभावित होते हैं।

पीसीओएस में प्रोटीन किस तरह से फायदेमंद है?

प्रोटींस भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह हार्मोन को उत्तेजित करते हैं, जिससे हमारी क्रेविंग भी कम होती है। प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद करता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे पचता है। ये आपके रक्त शर्करा के स्तर को अपेक्षाकृत कम प्रभावित करता है। प्रोटीन इंसुलिन प्रतिक्रिया को कम करने में भी मदद करता है। प्रोटीन ग्लूकागन नामक एक हार्मोन को उत्तेजित करता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल में भारी गिरावट को रोकता है और इंसुलिन की क्रिया का प्रतिकार करता है।

सही मात्रा में प्रोटीन के सेवन से पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को लाभ हो सकता है। एक उच्च प्रोटीन और कम कार्ब युक्त डाइट निस्संदेह पीसीओएस से पीड़ित मरीजों की मदद करते हैं। इतना ही नहीं, पीसीओएस होने पर बेहद जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल, डाइट को सुधारें। अधिक मात्रा में प्रोटीन और फाइबर का सेवन करना चाहिए। इससे मेटाबॉलिक में बदलाव कम होता है और हॉर्मोनल इंबैलेंस भी सुधरता है।

पीसीओएस के लक्षण:-

  • अनियमित पीरियड्स
  • अधिक वजन होना
  • चेहरे, गर्दन आदि पर बाल आना
  • बाल अधिक झड़ना
  • स्किन संबंधित समस्या होना
  • ओवरी में सिस्ट होना
  • इंफर्टिलिटी
  • एक्ने और ऑयली स्किन

प्रोटीन के फूड सोर्स:-

प्रोटीन का सेवन करने के लिए आप डाइट में अंडा, मछली, चिकन, सोयाबीन, मटर, चना, मसूर, दालें, लोबिया, राजमा आदि शामिल करें। इनका सेवन नियमित रूप से करने से शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती है।

 

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