अब ट्रेनों में चोरी नहीं होगा सामान, बिना ओटीपी नहीं खुलेगा डिब्बा

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे से हर रोज हजारों यात्री सफर करते है। अपना सामान एक राज्य से दूसरे राज्य भेजने के लिए रेलवे की सहायता लेते हैं। लेकिन कई बार यात्रियों को डर रहता है कि कहीं उनका सामान चोरी न हो जाएं या कहीं गुम नहीं हो जाए। लेकिन अब यात्रियों को अपने सामान को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि भारतीय रेलवे जल्द ही डिजिटल लॉक सिस्टम लेकर आ रहा है।

भारतीय रेलवे के अनुसार, यह नया लॉक सिस्टम एक ओटीपी के जरिए खुलेगा। ट्रेनों के संचालन के दौरान प्रत्येक स्टेशन पर रेलवे कर्मियों द्वारा एक ओटीपी प्राप्त किया जाएगा, जहां लोडिंग या अनलोडिंग की जानी है। इस सिस्टम का आमतौर पर ट्रक में इस्तेमाल किया जाता है। इस स्मार्ट लॉक में जीपीएस लगा होता है। इसकी मदद से वाहन की मौजूदा स्थिति का पता चलता है और सामान चोरी होने की आशंका कम हो जाती है।

फिलहाल इस प्रोटोटाइप को हावड़ा समेत 3-4 डिवीजन में डेवलप किया जा रहा है। इस डिजिटल लॉक का उद्देश्य है कि गुड्स और पार्सल वैगन में ताले लगाए जा सकें और इन लॉक को ओटीपी के जरिए सिक्योर किया जा सके। रेलवे के इस नए कदम से न सिर्फ लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि सामान चोरी की घटनाएं रुकेंगी और माल ढुलाई से होने वाले रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। चालू वित्त वर्ष में 25 जनवरी, 2023 तक रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे से चोरी हुई 25 लाख रुपये की संपत्ति बरामद की है। 11,268 अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

रेलवे द्वारा लाया जा रहा यह नया डिजिटल लॉक सिस्टम एक ओटीपी के माध्यम से खोला या बंद होगा, जो संबंधित रेल कर्मियों/अधिकारी के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। एक बार जब ट्रेन गंतव्य पर पहुंच जाती है, तो पायलट को लॉक बटन दबाकर स्थान की इसकी पुष्टि करनी होगी और रेलवे कर्मियों को ओटीपी को वेरीफाई करना होगा। वेरिफिकेशन के बाद लॉक अनलॉक करने के लिए ड्राइवर के मोबाइल नंबर पर एक और ओटीपी भेजा जाएगा। यह नया डिजिटल लॉक सिस्टम किसी तरह की छेड़छाड़ या दरवाजों के टकराने जैसी घटना होने पर रेलवे के आधिकारिक मोबाइल नंबर पर अलर्ट संदेश भेजेगा। नए लॉक सिस्टम के इस्तेमाल से ट्रेन को भी ट्रैक किया जाएगा और लोकेशन रिकॉर्ड की जाएगी।

 

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