Nipah Virus: क्या है निपाह वायरस के लक्षण? कितना है खतरनाक? जानिए कैसी है इससे निपटने की तैयारी

Nipah virus symptoms: केरल में निपाह वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. इन वायरस ने तो अब लोगों की जान भी लेनी शूरू कर दी है. केरल में निपाह वायरस की स्थिति को देखते हुए तीन जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूल भी बंद कर दिए हैं. गनीमत की बात तो ये है कि केरल को छोड़ कर उत्तर भारत सहित पूरे देश में निपाह वायरस का अभी तक एक भी केस नहीं मिला है. इसके बावजूद राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में इस वायरस से निपटने की तैयारी पहले से ही मौजूद है.

दिल्ली एम्स, आरएमएल, सफदरजंग और एलएनजेपी जैसे बड़े अस्पतालों में जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग से लेकर इलाज तक की व्यवस्था है. हालांकि, निपाह वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में ही सैंपल भेजे जाते हैं. लेकिन, आरटीपीसीआर टेस्ट या एंटी बॉडी टेस्ट से भी निपाह वायरस की पहचान की जा सकती है.

 

निपाह वायरस के लक्षण 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, निपाह वायरस एक जूनेटिक वायरस है, जो जानवरों के के वजह से इंसानों में फैलता है. निपाह वायरस इंफेक्शन के बाद शरीर में 4 से 14 दिनों के भीतर इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत आदि समस्‍याएं देखने को मिलती है. वहीं, निपाह वायरस के गंभीर लक्षणों की बात करें तो उल्टियां, पेट दर्द, दौरे पड़ना और कोमा में जाना भी शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में मौत का आंकड़ा 40 से 75 प्रतिशत रहता है.

निपाह वायरस से निपटने के लिए पहले से ही किए गए इंतजाम

इस वायरस से निपटने के लिए देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्‍ली एम्स में पहले से ही इंतजाम हैं. वहीं, दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में टेस्टिंग के इंतजाम नहीं हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर किए जा सकते हैं. डॉक्टरों की मानें तो इसकी टेस्टिंग और इलाज के लिए अलग से कोई खास इंतजाम नहीं करना पड़ता है.

इस टेस्‍ट से होगी निपाह वायरस की पहचान
एम्स दिल्ली में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि निपाह वायरस नया है और इसका पता लगाना मुश्किल है. इसकी जांच के लिए हर जगह टेस्टिंग किट उपलब्ध नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर मंगवाई जा सकती है. इस वायरस का पता एंटी बॉडी टेस्ट से या आरटीपीसीआर से भी हो सकता है. अभी एम्स के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट में यह किट उपलब्ध है कि नहीं यह मैं नहीं बता सकता हूं, लेकिन एम्स का इन्फ्रास्ट्रक्चर अच्छा है.’

कितना खतरनाक है निपाह वायरस
डॉक्टरों की मानें तो निपाह वायरस कम संक्रामक, लेकिन ज्यादा खतरनाक माना जाता है. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार कहते हैं, ‘देखिए, दिल्ली सहित उत्तर भारत में निपाह वायरस का एक भी केस नहीं है. लोक नायक अस्पताल में निपाह वायरस की टेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. अभी तक सरकार की तरफ से हमारे पास किसी भी तरह का कोई इंस्ट्रक्शन नहीं आया है. यह बीमारी अभी सिर्फ केरल में देखी गई है. मेरे खयाल से पूरी दिल्ली में इस वायरस को लेकर अभी कोई अलर्ट नहीं है.’

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस सक्रमण से बचाव का एक मात्र तरीका लोगों को जागरूक करना है. निपाह वायरस जानवरों से इंसान में प्रवेश करता है. यह वायरस चमगादड़, सूअर, कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों सहित घरेलू जानवरों में पाया जाता है. इस बीमारी में ज्यादातर मरीजों में श्वास संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में 23 लोगों में निपाह वायरस की पहचान की गई थी, जिसमें बाद में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

 

 

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