पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में वियतनाम का किया जिक्र, लोगों को एक सूत्र में बाधती है भगवान बुद्ध के विचारों की शक्ति

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “मन की बात” कार्यक्रम हुआ. जहां मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है तो एक ही भाव सबसे पहले मन में आता है, “चलो, बुलावा आया है. यही भाव हमारे धार्मिक यात्राओं की आत्मा है. ये यात्राएं शरीर के अनुशासन का, मन की शुद्धि का,आपसी प्रेम और भाईचारे का है, प्रभु से जुड़ने का माध्यम है. लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से शुभांरभ हुआ है. हिंदू, बौद्ध, जैन हर परंपरा में कैलाश को श्रद्धा और भक्ति का केंद्र माना गया है. साथियों, 3 जुलाई से पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरु होने जा रही है. और सावन का पवित्र माह भी कुछ ही दिन दूर है.

वियतनाम के राष्ट्रीय उत्सव का जिक्र

पीएम ने कहा कि मूल रूप से भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों की खोज आंध्र प्रदेश में पालनाडू जिले के नागार्जुनकोंडा में हुई थी. इस जगह का बौद्ध धर्म से गहरा नाता रहा है. कहा जाता है कि कभी इस स्थान पर श्रीलंका और चीन सहित दूर–दूर के लोग आते थे. इससे पहले भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड और मंगोलिया ले जाये गए थे. भारत की ये पहल एक तरह से वियतनाम के लिए राष्ट्रीय उत्सव बन गई. आप कल्पना कर सकते हैं कि करीब 10 करोड़ लोगों की आबादी वाले वियतनाम में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन किए.

सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का सुंदर अवसर

पीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध के विचारों में वो शक्ति है, जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है. इससे पहले भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड और मंगोलिया ले जाए गए थे और वहां भी श्रद्धा का यही भाव देखा गया. मेरा आप सभी से भी आग्रह है कि अपने राज्य के बौद्ध स्थलों की यात्रा अवश्य करें. ये एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, साथ ही हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का एक सुंदर अवसर भी बनेगा.

एक पेड़ मां के नामः

पर्यावरण के लिए एक और सुंदर पहल देखने को मिली है गुजरात के अहमदाबाद शहर में. यहां नगर निगम ने “मिशन फॉर मिलियन ट्री” अभियान शुरू किया है. लक्ष्य है लाखों पेड़ लगाना, इस अभियान की एक खास बात है सिंदूर वन. यह वन ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को समर्पित है. सिंदूर के पौधे उन बहादुरों की याद में लगाए जा रहे हैं जिन्होंने देश के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया. यहां एक और अभियान को नई गति दी जा रही है “एक पेड़ मां के नाम. इस अभियान के तहत देश में करोड़ों पेड़ लगाए जा चुके हैं.  

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