कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, यूपी, महाराष्ट्र और झारखंड को होगा फायदा

Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई बड़े फैसले लिए गए. केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड को बड़ा तोहफा दिया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पुणे मेट्रो की लाइन-2 के लिए 3,626 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुनर्वास के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी. आगरा में 111 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापना की स्वीकृति दी गई.

भूमिगत आग के लिए संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने झारखंड के धनबाद जिले के काफी पुराने मुद्दे पर अपनी स्वीकृति दे दी है. झरिया भूमिगत (अंडरग्राउंड) आग से निपटने और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए संशोधित मास्टर प्लान को लेकर 5940 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है. ये मुद्दा काफी पुराना है. इसमें पारित प्रस्ताव की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है. आग प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए वर्ष 2009 में झरिया मास्टर प्लान बना था. अब 2025 में संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गयी है.

पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 को मंजूरी दी. मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर के फेज-1 के विस्तार के रूप में वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर-2A) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर-B) को मंजूरी दी. एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैलेगा और इसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे. इस परियोजना की कुल लागत 3,626 करोड़ रुपये होगी. इस विस्तार से पुणे शहर के पूर्व और पश्चिम को मेट्रो के माध्यम से सीधा जोड़ा जा सकेगा, जिससे पाउड रोड और नगर रोड जैसी प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा. मेट्रो एक तेज, सुविधाजनक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प के रूप में उभरेगी, जिससे निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी.

आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र को स्वीकृति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को स्‍वीकृति दी. इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और वैल्यू एडिशन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और नये रोजगार को बढ़ाना है.

भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र, प्रसंस्करण क्षेत्र, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसरों के सृजन की क्षमता है. इसलिए, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उनका पता लगाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है. सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदाता, पोषक तत्वयुक्‍त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी.

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