वैश्विक मंच पर गाजीपुर की बेटी ने नाम किया रोशन, मॉस्‍को के जीसीटीसी विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण के लिए चुनी गई डॉ. अपराजिता

Ghazipur: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की बेटी डॉ. अपराजिता सिंह ने भारत का नाम वैश्विक मंच पर रोशन किया है। उन्हें मॉस्को के प्रतिष्ठित यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र (जीसीटीसी) में विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। यह चयन भारतीय संस्था मोव्स्ता इंडिया के माध्यम से हुआ है, जिसका नासा, इसरो, डीआरडीओ, रॉसकॉसमॉस और जीसीटीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग है। यह अवसर उनके एयरोस्पेस क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य के आधार पर प्राप्त हुआ है।

डॉ. अपराजिता ने इको नोवा स्पेस सूट और  रोबोटिक्स जैसे नवाचारों के साथ अंतरिक्ष अनुसंधान को सुरक्षित और बुद्धिमान बनाने में योगदान दिया है। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित एआई-इंटीग्रेटेड स्मार्ट कॉम्बैट यूनिफॉर्म विकसित कर उन्होंने सैनिकों की सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव लाने का कार्य किया है। मॉस्को में उन्हें जीरो ग्रेविटी, स्पेस मिशन प्रोटोकॉल और अंतरिक्ष-अनुकूल तकनीकों की व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाएगी। गगनयान-5 मिशन में भारत, रूस और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जिसका नेतृत्व भारत की ओर से कैप्टन शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं।

गाजीपुर में जन्मीं डॉ. अपराजिता एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता एक स्वतंत्र पत्रकार और माँ गृहिणी हैं। उनका एक छोटा भाई भी है। अपराजिता ने 12वीं तक की पढ़ाई गाजीपुर से पूरी की और वर्तमान में एनआईएफटी भुवनेश्वर में फैशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गाजीपुर और भारत के लिए गर्व का विषय है।

अपराजिता ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि  मोव्स्ता इंडिया के सहयोग से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती वैश्विक साख को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि रूस यात्रा के दौरान सारा खर्च  मोव्स्ता इंडिया की ओर से दिया गया है।डॉ. अपराजिता की यह उपलब्धि युवाओं, खासकर महिलाओं, के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। मॉस्को पहुँचने पर ट्रेनिंग का पूरा उद्देश्य और कार्य योजना विस्तार से साझा की जाएगी। बताते चलें कि अपराजिता को डॉक्टरेट के मानद उपाधि अमेरिका की प्रतिष्ठित कैनेडी यूनिवर्सिटी ने दिया है।

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