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इन योगासनों से पाएं माइग्रेन से राहत…

योग। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो आज के समय में एक गंभीर समस्‍या है। माइग्रेन के मामले में पिछले कुछ समय से काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। माइग्रेन की स्थिति में सिर और आंखों में तेज दर्द होता है, कुछ स्थितियों में इसके कारण सामान्य रूप से कामकाज करने तक में भी दिक्कत हो जाती है। आमतौर पर यह सिर के केवल आधे हिस्से में ही होता है।

माइग्रेन अटैक की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति प्रकाश या शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है। इसके अलावा व्यक्ति को उल्टी, मतली और घबराहट की समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उन्हें इसको ट्रिगर करने वाली स्थितियों की पहचान कर उससे बचाव करते रहना चाहिए।

माइग्रेन और इसके कारण होने वाली सिरदर्द की समस्या के लिए लंबे समय तक उपचार और बचाव की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा दिनचर्या में कुछ प्रकार के योगासनों को शामिल करके भी इससे लाभ पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन से योगासन फायदेमंद हो सकते हैं?

चाइल्ड पोज:-
चाइल्ड पोज या बालासन तंत्रिका तंत्र को शांत करने वाला अभ्यास माना जाता है। माइग्रेन के दर्द को प्रभावी ढंग से कम करने में इसे काफी लाभदायक माना जाता है। योग विशेषज्ञों के अनुसार, चाइल्ड पोज मुद्रा आपके मन को शांत करके चिंता और थकान को कम करने में मदद करती है, जिससे माइग्रेन और इसके कारण होने वाले सिरदर्द में काफी लाभ मिल सकता है।

पश्चिमोत्तानासन योग के फायदे :-

माइग्रेन की समस्या को कम करने में पश्चिमोत्तानासन योग काफी लाभकारी हो सकता है। मस्तिष्क को शांत करने और तनाव से राहत दिलाने में इस योग का नियमित अभ्यास फायदेमंद हो सकता है।

सेतुबंधासन योग :-

सेतुबंधासन योग या ब्रिज पोज के नियमित अभ्यास को कमर-पीठ की समस्याओं के साथ माइग्रेन की दिक्कतों को दूर करने वाला भी माना जाता है। यह योग मस्तिष्क को शांत करने के साथ चिंता-तनाव को कम करने और माइग्रेन को बढ़ावा देने वाली स्थितियों को नियंत्रित करने में विशेष लाभकारी हो सकता है। माइग्रेन की समस्या को कम करने के साथ पेट, फेफड़े और थायरॉयड अंगों को उत्तेजित करने और रीढ़ की समस्याओं को कम करने में भी इस योग के लाभ है।

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