Earth: दुनिया के वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में जीवन के ‘सबूत’ मिले हैं। जी हां, जिस बुध ग्रह को हम सूर्य के सबसे करीब और बेहद गर्म मानते थे, वहां वैज्ञानिकों को पानी की बर्फ मिली है! यह खोज चौंकाने वाली है, क्योंकि बुध का वातावरण इतना पतला है कि वहां पानी का होना लगभग नामुमकिन लगता था, लेकिन NASA के मैसेंजर मिशन ने 2012 में ही बुध के ध्रुवों पर बर्फ के संकेत पकड़े थे। अब वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि कर दी है। वैज्ञानिकों ने एरेसिबो टेलिस्कोप और गोल्डस्टोन एंटीना जैसे खास उपकरणों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बुध पर उतरे बिना ही रेडियो सिग्नल के जरिए वहां बर्फ होने का पता लगा लिया। ये सिग्नल बिल्कुल वैसे थे जैसे पानी की बर्फ से मिलते हैं।
बुध पर बर्फ जमने का कारण
बुध ग्रह पर कुछ ऐसे गहरे गड्ढे हैं, जहां सूर्य की रोशनी कभी नहीं पहुंचती। इन जगहों पर तापमान कम होने के कारण बर्फ अरबों सालों तक जमी रहती है।
वैज्ञानिकों ने प्रमाण दिया है कि यह बर्फ या तो उल्कापिंडों और धूमकेतुओं के जरिए बुध पर आई है, या फिर बुध ने खुद अपने अंदर से जलवाष्प छोड़ी होगी जो इन ठंडे गड्ढों में जमने का करण बन गई।
भौगोलिक चाल की अहम भूमिका
यह खोज सिर्फ बुध के लिए नहीं, बल्कि पूरे सौरमंडल के लिए बहुत खाश बात है। पहले माना जाता था कि पानी के लिए घना वातावरण या बहुत कम तापमान जरूरी है, लेकिन बुध पर बर्फ मिलने की वजह से यह सिद्ध हो गया है कि ऐसा हमेशा नहीं होता। ग्रहों की खास भौगोलिक स्थिति और उनकी चाल भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। मंगल के बाद बुध पर पानी का मिलना यह दिखाता है कि ब्रह्मांड में और भी कई जगहों पर पानी और शायद जीवन भी हो सकता है,
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