डेलीवेजर्स पर इसी माह रिपोर्ट देगी गठित कमेटी: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू कश्मीर। जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में कार्यरत डेलीवेजर के संबंध में गठित कमेटी इसी महीने अपनी रिपोर्ट देगी। इससे उनके भाग्य का फैसला शीघ्र होगा। ज्ञात हो कि यहां जलशक्ति, लोक निर्माण समेत विभिन्न विभागों में लगभग एक लाख डेलीवेजर कार्यरत हैं।

उप राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने डेलीवेजर की न्यूनतम मजदूरी 225 से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी है। कुछ दिक्कतें भी हैं। कुल बजट का 47-48 फीसदी तनख्वाह में चला जाता है। आबादी के लिहाज से देश में सबसे अधिक कर्मचारी जम्मू-कश्मीर में हैं। यहां लगभग पांच लाख कर्मचारी हैं।

एक लाख डेलीवेजरों को भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें पांच-सात साल में नियमित कर दिया जाएगा। पहले राजस्व संग्रह 11 हजार करोड़ रुपये था जिसे बढ़ाकर 60 हजार करोड़ तक कर दिया गया है। प्रत्येक विभाग की आय में अमूमन 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस पूरी व्यवस्था को चलाने के लिए आय के स्त्रोत बढ़ाने होंगे। इसमें सभी का सहयोग चाहिए।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हुर्रियत की हड़ताल बेअसर हो गई है। अब कहीं भी इसका असर नहीं दिखता। कश्मीर में कानून-व्यवस्था की हालत में व्यापक सुधार हुआ है। जम्मू-कश्मीर में शांति किसी भी कीमत पर बहाल की जाएगी। आतंकियों, उनके आकाओं और मददगारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।

जो कोई भी कानून-व्यवस्था के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए सौदेबाजी की जाती रही है, लेकिन अब शांति खरीदी नहीं बल्कि स्थापित की जाएगी। इस साल अब तक 182 आतंकियों को मार गिराया गया है। इनमें 44 पाकिस्तानी दहशतगर्द शामिल हैं। 89 आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने में सुरक्षा बलों को सफलता मिली है।

चंद लोगों की नहीं, अब आम लोगों के लिए है व्यवस्था:-

उप राज्यपाल ने कहा कि पहले यहां चंद लोगों के लिए काम करने वाली व्यवस्था अब बदल गई है। अब यह व्यवस्था आम लोगों के लिए काम कर रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 200 से अधिक सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। इससे नागरिकों को त्वरित सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही इसके फीडबैक का तंत्र भी विकसित किया गया है। प्रदेश में हुए विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि सभी पंचायतों में खेल मैदान बना दिए गए हैं। जीएसटी के रूप में सबसे अधिक 11171 करोड़ रुपये की वसूली हुई। बिजली ढांचे में अभूतपूर्व सुधार किया गया है। ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन की व्यवस्था सुधारी गई है।

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