CJI BR Gavai: न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) का पद संभाल लिया। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण कराई। जस्टिस गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जगह ली, जो बीते दिन ही सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पहले बीते माह की 30 तारीख को कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना ने केंद्र सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा। वह 23 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई
परंपरा के अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की सिफारिश करते हैं। जस्टिस गवई वरिष्ठता के क्रम में सबसे आगे थे, जिसके चलते उनके नाम की सिफारिश की गई। कानून मंत्रालय ने सीजेआई जस्टिस खन्ना से उनके उत्तराधिकारी का नाम देने की आधिकारिक अपील की थी।
ऐसा प्रकार रहा करियर
जानकारी के मुताबिक, 16 मार्च, 1985 को वकालत शुरू करने वाले न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के स्थायी वकील के रूप में कार्य कर चुके हैं। इस दौरान उनकी समझदारी और उनकी क्वालिफिकेशन को देखते हुए 24 मई, 2019 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश घोषित किया गया। इस दौरान अपनी सूझ-बूझ के कारण न्यायमूर्ति गवई सर्वोच्च न्यायालय में कई ऐसी संविधान पीठों में शामिल रहे, जिनके फैसलों का उनके जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा।
राजीव गांधी हत्याकांड (2022)
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद दोषियों की रिहाई दिलाने में मदद की। यह मानते हुए कि तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
वणियार आरक्षण (2022)
हम आपको बता दें कि, तमिलनाडु सरकार को वणियार समुदाय को विशेष आरक्षण देने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया, क्योंकि यह बाकी के पिछड़े वर्गों के साथ भेदभावपूर्ण किया जाता था।
बुलडोजर कार्रवाई (2024)
जानकारी के मुताबिक, 2024 में, जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बताया था कि, केवल आरोपी या दोषी होने के आधार पर किसी की संपत्ति को ध्वस्त करना असंवैधानिक है।
अन्य फैसले
- मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी थी। उन्हें इस केस में दो साल की सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य करार दिया गया था।
- सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ को जमानत दी।
- दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दी।
- दिल्ली शराब घोटाले में बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत दी।
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