एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए जमीन विभाग के नाम करने का झंझट हुआ खत्म

हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश सरकार ने एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए जमीन विभाग के नाम करने का झंझट खत्म कर दिया है। अब पंचायतें जमीन मालिकों को विश्वास में लेते हुए सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर प्रस्ताव तैयार कर सकेंगी। पहले एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए जमीन विभाग के नाम करनी पड़ती थी। उसके बाद ही सड़क का काम शुरू होता था। सरकार का मानना है कि इस जटिल प्रक्रिया से प्रदेश में एंबुलेंस सड़कों का निर्माण कार्य रुक रहा है। ऐसे में सरकार ने पुराना फैसला पलटते हुए जनता को राहत दी है। निदेशक एवं विशेष सचिव पंचायतीराज ने इस बारे में जिला उपायुक्तों को आदेश जारी कर दिए हैं। हिमाचल में अगर किसी भी व्यक्ति की जमीन से सड़क जानी है तो पहले उनसे शपथ पत्र लिया जाता था। सड़क अपने घर या गांव में पहुंचने के बाद लोग अगले गांव के लिए जमीन देने में आनाकानी कर देते थे। ऐसे में सरकार ने जमीन विभाग के नाम करने के बाद सड़क निकालने का फैसला लिया, लेकिन इसमें एक तो व्यक्ति अपनी जमीन विभाग के नाम करने को तैयार नहीं होते, वहीं जमीन हस्तांतरण करने की औपचारिकताएं लंबी होने के कारण समय अधिक लग रहा है। पंचायतों में पड़ा बजट भी लैप्स होने की कगार पर है। अब सरकार ने जमीन का शपथपत्र और विभाग के नाम जमीन करने का झंझट ही खत्म कर दिया है। सरकार ने हर गांव को एंबुलेंस सड़क से जोड़ने का फैसला लिया है।

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