Health:अधोमुख श्वानासन संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है, नीचे की ओर मुंह किए हुए कुत्ते की स्थिति वाला आसन। यह आसन योग के प्रसिद्ध सूर्य नमस्कार श्रृंखला का भी हिस्सा है और इसे डाउनवर्ड डॉग पोज के नाम से जाना जाता है। इस आसन के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। चेहरे पर ग्लो लाना हो या वजन घटाना हो, कमर दर्द हो या माइग्रेन से राहत पाना हो, अधोमुख श्वानासन योग का नियमित अभ्यास बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर, कलाई की चोट, या गंभीर पीठ दर्द में डॉक्टर से सलाह के बाद ही इस योग का अभ्यास करें।
अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करें
अधोमुख श्वानासन के अभ्यास सुबह खाली पेट करना चाहिए या शाम को भोजन के 4 घंटे बाद करना चाहिए। अगर आप पहली बार अधोमुख श्वानासन का अभ्यास कर रहे हैं तो एक से तीन मिनट तक इस मुद्रा में रूकें और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाएं।ध्यान रखें कि पीठ पूरी तरह सीधी रहे और एड़ियां जमीन की ओर हों। इस आसन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर पैरों और हाथों को जमीन पर रखते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं। अब सिर को नीचे की ओर रखते हुए एड़ियों को फर्श की ओर दबाएं। इस स्थिति में 30 सेकेंड रहें, फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
अधोमुख श्वानासन के 10 जबरदस्त फायदे
- सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से एक अधोमुख श्वानासन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। इससे पीठ दर्द में आराम मिलता है।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से हाथ, कंधे और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- सिर्फ दो मिनट रोज इस आसन को करने से रक्त संचार बढ़ाता है, जिससे चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो आता है।
- अधोमुख श्वानासन तनाव, थकान और डिप्रेशन को कम करता है।
- पाचन क्रिया बेहतर करता है। इसके अभ्यास से पेट में गैस व कब्ज से राहत मिलती है।
- इसके अभ्यास से हैमस्ट्रिंग और काफ मसल्स को खींचता है जिससे लचीलापन बढ़ता है।
- इसके अभ्यास से माइग्रेन और सिरदर्द में राहत मिलती है।
- यह आसन फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है। यह श्वसन संबंधी समस्याओं में उपयोगी है।
- मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में यह आसन आराम देता है। हालांकि महिलाओं को विशेषज्ञ की सलाह से ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
- इसका नियमित अभ्यास से मानसिक स्थिरता और एकाग्रता को बढ़ावा देता है।
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