लखनऊ। हाईटेक टाउनशिप योजनाओं के लाइसेंस का नवीनीकरण होने के बाद इन योजनाओं को शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। आवास विभाग ने योजनाओं के सभी सात बिल्डरों से संशोधित डीपीआर जमा करने का निर्देश दिया। माना जा रहा है इन हाइटेक टाउनशिप योजनाओं के शुरू होने से इनमें मकान, जमीन, फ्लैट, दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान की बुकिंग कराने वाले करीब 50 हजार आवंटियों की फंसी संपत्तियां मिल सकेंगी। प्रदेश के पांच शहरों में सात बिल्डरों ने संशोधित डीपीआर शासन को उपलब्ध करा दिया है। इससे नए और पुरानों आवेदकों को मिलाकर करीब 50 हजार से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा। बता दें कि प्रदेश में लोगों को जरूरत के मुताबिक मकान, जमीन, फ्लैट, दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन सरकार ने 2003 में हाईटेक नीति शुरू की थी। इसमें कुल 13 बिल्डरों को हाईटेक टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन, नीति की शर्तों के मुताबिक बिल्डर 1500 एकड़ जमीन नहीं जुटा पाए। तत्कालीन राज्य सरकार ने 27 जनवरी 2010 को हाईटेक टाउनशिप नीति को सामप्त कर दिया। इसके चलते हजारों खरीदारों का पैसा फंस गया। इस स्थिति को देखते हुए योगी सरकार ने हाल में पांच शहरों के सात बिल्डरों से संबंधित हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं के लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया था ताकि आवंटियों को फंसी संपत्तियों को दिलाया जा सके। लाइसेंस नवीनीकरण के बाद अब शासन ने सभी संबंधित बिल्डरों से संशोधित डीपीआर मांगा था। इस आधार पर सभी सातों बिल्डरों ने संशोधित डीपीआर संबंधित विकास प्राधिकरण बोर्ड से पास जमा कराकर शासन को भेज दिया है।