लखनऊ। प्रधानमंत्री को चुनावों के दौरान विशेष सुविधा दिए जाने संबंधी चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने आयोग के अधिवक्ता के आग्रह पर जवाबी हलफ नामा पेश करने को 4 हफ्ते का समय दिया है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति रवि नाथ तिलहरी की खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्र की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याची का कहना था कि निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता बनाया, जो सभी राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के दौरान पालन किए जाने वाले दिशा निर्देश हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने 7 अक्टूबर 2014 को आयोग से एक बार आदर्श आचार संहिता के इस प्रावधान से मुक्त करने का अनुरोध किया, जिस पर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को हमेशा के लिए इस प्रावधान से मुक्त कर दिया, जो कानून की मंशा के खिलाफ है। उधर केंद्रीय निर्वाचन आयोग की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि चुनाव आयोग का आदेश पूरी तरह सही है और याची ने काफी समय बाद याचिका दायर की है। ऐसे में याचिका खारिज किए जाने लायक है। उन्होंने अपने तथ्य प्रस्तुत करने को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का वक्त देने का आग्रह किया। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई 31अगस्त को नियत की है।