कानपुर। कोरोना के समय 90 दिनों में सस्ता और पोर्टेबल वेंटिलेटर बनाने वाले आईआईटी कानपुर इंक्यूबेटेड नोका रोबोटिक्स की सफलता की कहानी को फोर्ब्स मैगजीन में शामिल किया गया है। आईआईटी ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। आईआईटी के दो छात्रों निखिल कुरेले और हर्षित राठौर ने वेंटिलेटर बनाए थे। इन वेंटिलेटर में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे भारत में ही बने हैं। यही नहीं, इन वेंटिलेटरों को आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है। आईआईटी के विशेषज्ञों और छात्रों द्वारा बनाए गए इस वेंटिलेटर में डॉक्टरों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया है। फोर्ब्स मैगजीन में प्रकाशित स्टोरी में वेंटिलेटर की पूरी यात्रा का जिक्र किया गया है। आईआईटी इनक्यूबेटर नोका रोबोटिक्स ने अब तक दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और गुजरात की सरकारों के अलावा वहां के निजी अस्पतालों को वेंटिलेटर सप्लाई किए हैं। नोका रोबोटिक्स्स के फाउंडर निखिल कुरेले ने बताया कि इस समय पूरी तरह भारत में ही इन वेंटिलेटर की डिमांड पूरी करने में लगे हैं। अब तक नेपाल के साथ दो अन्य साउथ एशियन देशों को वेंटिलेटर के ऑर्डर पूरे किए हैं। इनकी संख्या 2000 के ऊपर थी। नेपाल को हमने अब तक 800 वेंटिलेटर दिए हैं।