लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद गौरक्षा विभाग काशी प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक सोमवार को अलोपीबाग स्थित स्वामी वासुदेवानंद के आश्रम में हुई। बैठक में विहिप गौरक्षा विभाग के राष्ट्रीय संगठन मंत्री खेमचंद शर्मा ने कहा कि हिंदू समाज के आस्था के केंद्र में गोमाता है। गाय, गंगा और गांव की रक्षा से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव है। इसीलिए संगठन द्वारा गांव -गांव में गौरक्षा समितियों का निर्माण एवं कार्यकर्ताओं तथा किसानों का प्रशिक्षण कर हर दरवाजे पर गोमाता को पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में उन्होंने कहा कि देश में आज गोवंशजों की संख्या दिन -प्रतिदिन घट रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में म्यूजियम में ही गाय देखने को मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि गौमाता को बचाने के लिए गांव-गांव में समितियों का निर्माण कर गोरक्षकों की भर्ती की जाएगी। इनका मुख्य काम गौवंशजों को बचाने का होगा। बैठक में भारतीय गौवंश रक्षण एवं संवर्धन परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरु प्रसाद सिंह ने कहा कि यदि देश को बचाना है तो गाय, गंगा और गांव को बचाना होगा। कहा कि हमारा उद्देश्य कृषि के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर गांव में उद्योग को विकसित करना है। बैठक में केंद्रीय मंत्री वासुदेव पटेल ने कहा कि गौरक्षा विभाग के माध्यम से गांव-गांव किसानों का सम्मेलन एवं उन्हें प्रशिक्षित कर जैविक कृषि के माध्यम से स्वावलंबी बनाने का कार्य किया जाएगा। बैठक में गौरक्षा विभाग के प्रांत अध्यक्ष भोलानाथ मिश्र, प्रांत मंत्री लाल मणि तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। लालमणि तिवारी ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं को आश्रय केंद्रों पर भी नजर रखनी होगी, ताकि गोमाता की रक्षा हो सके। बैठक में महेश तिवारी, जितेंद्र , शिव कुमार झा, विजय शंकर चतुर्वेदी, विष्णु श्रीवास्तव ,अवधेश राय, नागेश्वर तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल, सुधीर केसरवानी मौजूद रहे।