Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि कठोर परिश्रम- यह राष्ट्र बड़ा श्रीमंत है। चाहे सांस्कृतिक दृष्टि से देखिये, चाहे प्राकृतिक दृष्टि से देखिये। भारत सदियों से विश्व को संदेश देता आया है और भारतीयों के पास बुद्धि भी आश्चर्यचकित कर देने वाली है। मगर आज के संदर्भ में जरूरी है कि हम सब लोग परिश्रमी बनें।
पहली बात है कठोर परिश्रम, दूसरी बात है मानवतावादी धर्म। राष्ट्र के विकास के लिये धर्म भी बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। लेकिन वह धर्म मानवतावादी हो और उसके केन्द्र में मानव हो।
महात्मा गांधी ने देश को स्वाधीनता दिलाई वह धर्म की पीठिका के ऊपर आधारित है। इसी धर्म भावना का, श्रद्धा का सही प्रयोग किया जाये तो राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
जीवन में जो बात जरूरी है उसमें पहली बात है कठोर परिश्रम। आलसी बनकर व्यक्ति कैसे बैठे रह सकता है? यदि काम करना चाहे तो काम मिल ही जायेगा। जिसको काम नहीं करना होता उसको नहीं मिलता। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।