Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि कर्म के पुष्प को प्रभु के चरणों में समर्पित करें-प्रत्येक व्यक्ति के लिये कर्तव्य का पालन आवश्यक है. कर्तव्य पालन के बिना समाज में व्यवस्था नहीं रह सकती. ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करते हुये व्यक्ति को उसे भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहिये.
गीता में कर्तव्य पालन पर बहुत जोर दिया गया है. भगवान के द्वारा व्यक्ति को वही कार्य सौंपा जाता है जिसका वह सही ढ़ंग से संपादन कर सकता है. अतः व्यक्ति को अपना कार्य कुशलता से करते हुए भगवान को अर्पित करना चाहिये. जो व्यक्ति अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर देता है, प्रत्येक क्षण आनन्द का अनुभव करता है.
आज के अधिकांश व्यक्ति दुःखी हैं. इसका कारण है कि व्यक्ति भगवान से दूरी बनाये हुये हैं. कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतना अधर्म है. धैर्यवान व्यक्ति कर्म से विचलित नहीं होता. वह मानता है कि ईश्वर की कृपा से सब कुछ संभव हो सकता है. जीवन में व्यक्ति की हैसियत अभिनेता मात्र की है. ईश्वर की मर्जी के बिना यहां पत्ता तक नहीं हिल सकता.
हर व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है कि वह अपनी संतान को उचित शिक्षा देकर उसका पथ प्रदर्शन करे. कर्तव्य की महत्ता बहुत विशाल है. यह भगवान को अर्पित करने के लिये सबसे अधिक सुन्दर पुष्प है. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).