Delhi: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने नकली दवाओं और फर्जी कॉस्मेटिक उत्पादों के संगठित रैकेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रैपर और पैकेजिंग सामग्री छापने वाली एक सक्रिय प्रिंटिंग यूनिट का भंडाफोड़ किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अनिल सिंह रावत (46) और राहुल अग्रवाल (31) के रूप में हुई. दोनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं. अनिल सिंह रावत राम रोड स्थित प्रिंटिंग प्रेस का संचालन करता है, जहां से स्प्यूरियस दवाओं के रैपिंग बॉक्स सप्लाई किए जाते थे.
तीन आरोपियों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी
इस केस में इससे पहले तीन आरोपियों को स्प्यूरियस दवाओं के निर्माण और सप्लाई की साजिश में गिरफ्तार किया गया था. जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को एक ऐसे प्रिंटिंग मॉड्यूल का सुराग मिला, जो नकली दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए रैपर और पैकेजिंग सामग्री सप्लाई करता था. इसी कड़ी में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो नकली दवा ‘क्लॉप-जी’ और कॉस्मेटिक क्रीम ‘स्कीन साइन’ की पैकेजिंग बॉक्स सप्लाई करने में शामिल थे.
क्राइम ब्रांच ने दर्ज की एफआईआर
पुलिस टीम ने राम रोड, दिल्ली स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा, जहां से ‘स्कीन साइन’ के रैपर तैयार करने वाली दो डाई फ्रेम बरामद की गईं. इस कार्रवाई के साथ ही एक सक्रिय प्रिंटिंग यूनिट का भंडाफोड़ हो गया, जो बड़े पैमाने पर स्प्यूरियस दवाओं की पैकेजिंग सप्लाई करता था. इस संबंध में क्राइम ब्रांच, दिल्ली में एफआईआर संख्या 360/25 दर्ज की गई है, जो भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4)/336/340/61(2) तथा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 18A(1)/18(c)/27B(ii)/27(c) के तहत है.
बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक की पहचान में जुटी पुलिस
पुलिस अब इस सिंडिकेट के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक की पहचान में जुटी है, जिसमें नकली दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल कच्चे माल के स्रोत, पैकेजिंग आपूर्ति श्रृंखला और वितरण नेटवर्क का खुलासा शामिल है.
यह कार्रवाई इंस्पेक्टर मनजीत कुमार के नेतृत्व में एएसआई कंवरपाल, हेड कॉन्स्टेबल विपिन, सोहनपाल, राजेश, अनुज और कांस्टेबल सचिन की टीम ने की.
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