Assam: असम की सिविल सेवा (ACS)अधिकारी नूपुर बोरा इन दिनों सुर्खियों में हैं, लेकिन वजह हैरान करने वाली है. 36 साल की इस अधिकारी को एक बड़े भूमि घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह खुलासा चौंकाने वाला है कि छह साल की नौकरी में नूपुर ने इतनी बड़ी संपत्ति कैसे जमा की, जो उनकी घोषित आय से कहीं ज्यादा है.
कौन हैं नूपुर बोरा?
1989 में असम के गोलाघाट जिले में जन्मी नूपुर बोरा ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में डिग्री हासिल की और फिर कॉटन कॉलेज में पढ़ाई की. सिविल सेवा में आने से पहले वह जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में लेक्चरर थीं. 2019 में ACS यानी असम सिविल सर्विसेज में सेलेक्ट होने के बाद उन्होंने करबी आंगलांग में सहायक आयुक्त के रूप में करियर शुरू किया. 2023 में उनका तबादला बारपेटा में सर्कल अधिकारी के रूप में हुआ और अभी वह कमरूप जिले के गोराईमारी में तैनात थीं.
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
- गुवाहाटी स्थित घर से 92.50 लाख रुपये से अधिक नकदी
- लगभग 1.5 करोड़ रुपये के गहने बरामद
- बरपेटा में किराए के मकान से 10 लाख रुपये नकद
सिर्फ पांच साल की नौकरी में इस अधिकारी ने जो अकूत संपत्ति हासिल की, उसने सरकार से लेकर आम जनता तक को हैरान कर दिया.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “हमने पाया है कि उसने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से 400 गुना ज्यादा संपत्ति जमा कर ली थी. हमारा मानना है कि सिर्फ निलंबन या नौकरी से बर्खास्तगी ही काफी नहीं होगी. हमें कानूनी प्रक्रिया के जरिए सजा सुनिश्चित करनी होगी.” उन्होंने जनता से भी अपील करते हुए कहा कि अगर कोई अधिकारी रिश्वत मांगता है तो तुरंत इसकी सूचना दी जाए.
जमीन ट्रांसफर करने के आरोप
सीएम ने कहा कि नूपुर जब बारपेटा राजस्व मडल में तैनात थीं, तब उन्होंने पैसों के बदले हिंदुओं की जमीन संदिग्ध लोगों को ट्रांसफर कर दिया था. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. सरमा ने कहा कि अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में राजस्व मंडलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है. इतना ही नहीं विशेष सतर्कता सेलने नूपुर के सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापा मारा है. ये वही लोग हैं, जो बारपेटा में राजस्व सर्कल ऑफिस में काम करते हैं.
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