नई दिल्ली। आज के समय में ज्यादातर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए खराब जीवनशैली की आदतों को प्रमुख तौर पर देखा जा रहा है। शारीरिक गतिविधियों में हम कई वजहों से ऐसी आदतों को अपनाते जा रहे हैं, जो तमाम तरह की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती हैं।
जैसे- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, गठिया और शरीर के अंगों में दर्द के लिए इसे ही प्रमुख कारक के तौर पर देखा जा रहा है। शारीरिक निष्क्रियता के कारण मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर दोनों को ही साइलेंट किलर डिजीज के तौर पर जाना जाता है। यह शरीर में कई अन्य तरह की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती हैं। इसको कंट्रोल करना समय पर बहुत आवश्यक है।
बढ़ती शारिरिक निष्क्रियता- लंबे समय तक ऑफिस में एक जगह पर बैठकर काम करते रहने से लेकर घर में छुट्टी के दिन बेड पर सोते रहने जैसी आदतों ने लोगों में शारिरिक निष्क्रियता को काफी अधिक बढ़ा दिया है।
आपको बता दें कि ये आदते कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से टाइप-टू डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है। ग्लूकोज शारीरिक गतिविधियां, रक्त शर्करा, वजन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी हद तक आपकी सहायता करती हैं।
आहार में गड़बड़ी- विशेषज्ञों के अनुसार आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करना जरूरी है, हालांकि आज के समय में ज्यादातर लोगों में आहार से संबंधित गड़बड़ी की समस्या देखी जा रही है।
आपको बता दें कि फैट, कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार का सेवन करने से आपको मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। आहार में गड़बड़ी मोटापा (मधुमेह-हृदय रोगों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक) को तेजी से बढ़ा देती है। स्वस्थ शरीर के लिए फाइबर और विटामिन्स से भरपूर चीजों को सेवन में जरूर शामिल करें।
पर्याप्त नींद न लेना- अच्छी नींद आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लगभग सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें होने वाली कमी आपको बीमार बना सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नींद पूरी न होने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है,
जिसके कारण हृदय रोगों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इस आदत के कारण मधुमेह और स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक सभी लोगों को रोजाना रात में करीब 6 से 8 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए।